प्रत्येक वर्ष प्रयागराज में माघ मेले का आयोजन किया जाता है। इस माघ मेले में देश-विदेश से श्रद्धालु स्नान करने आते हैं। प्रयागराज गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम है। इस संगम स्थल को त्रिवेणी कहा जाता है। यह बहुत ही पवित्र स्थान है। ऐसा माना जाता है कि संगम तट पर स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति के कष्ट भी कम हो जाते हैं। पद्म पुराण के अनुसार त्रिवेणी संगम पर स्नान करने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघ मेले के दौरान संगम तट पर स्नान करना और भी शुभ होता है। इस दौरान एक भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है। कई साधु-संत और श्रद्धालु यहां अपना कल्पवास बिताते हैं और धार्मिक कार्य करते हैं।
माघ मेला कब शुरू होगा?
हर साल यह मेला मकर संक्रांति से शुरू होता है, जो महाशिवरात्रि के दिन स्नान के साथ समाप्त होता है। हिंदू धर्म में माघ मेले का विशेष महत्व है।
माघ मास का महत्व
❀ माघ माह में पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण और तुलसी का पूजन करें। साथ ही विष्णु सहस्रनाम, मधुराष्टकम् और गीता का पाठ करें।
❀ संगम स्नान के बाद अक्षय वट के दर्शन अवश्य करें।
❀ माघ माह में व्यक्ति को ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए।
❀ इस महीने में व्यक्ति को तामसिक भोजन जैसे मांसाहारी भोजन और शराब से दूर रहना चाहिए।
संबंधित अन्य नाम | magh mela, prayagraj, triveni sangam, magh maas, mahashivratri, makar sankranti |
शुरुआत तिथि | मकर संक्रांति |
कारण | भगवान विष्णु |
उत्सव विधि | प्रयागराज में स्नान, मंदिर में प्रार्थना, व्रत, घर पर पूजा |
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