लक्ष्मी पंचमी, चैत्र मास में चंद्रमा के शुक्ल पक्ष की पंचमी के पांचवें दिन मनाई जाती है। यह मान्य है की चैत्र शुक्ल पंचमी के कल्पादि तिथि में यह पूजा की जाती है। समय के वैदिक विभाजन के अनुसार यह दिन एक कल्प की शुरुआत से संबंधित है, इसिलए यह कल्पादि तिथि के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार एक वर्ष में गुड़ी पड़वा/उगादि और अक्षय तृतीया सहित सात कल्पदी दिन होते हैं।
यह दिन धन और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी को समर्पित है। लक्ष्मी पंचमी को श्री पंचमी और श्री व्रत के नाम से भी जाना जाता है। श्री देवी, माता लक्ष्मी का दूसरा नाम है। इस दिन को वसंत पंचमी के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए जिसे श्री पंचमी के रूप में भी जाना जाता है जो कि कला और ज्ञान की देवी सरस्वती को समर्पित है।
संबंधित अन्य नाम | Lakshmi Panchami, Sri Devi Panchami |
शुरुआत तिथि | चैत्र मास, चंद्रमा के शुक्ल पक्ष की पंचमी के पांचवें दिन |
कारण | माता लक्ष्मी |
उत्सव विधि | मंदिर में प्रार्थना, व्रत, घर में पूजा |
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