Download Bhakti Bharat APP
Hanuman Chalisa - Hanuman ChalisaDownload APP Now - Download APP NowAditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya StotraFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

🔱कालभैरव जयंती - Kaal Bhairav Jayanti

Kaal Bhairav Jayanti Date: Wednesday, 12 November 2025
कालभैरव जयंती

काल भैरव का जन्म मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष अष्टमी को प्रदोष काल में हुआ था, तब से इसे भैरव अष्टमी के नाम से जाना जाता है। इसीलिए काल भैरव की पूजा मध्याह्न व्यापिनी अष्टमी पर करनी चाहिए।

काशी नगरी की सुरक्षा का भार काल भैरव को सौंपा गया है इसीलिए वे काशी के कोतवाल कहलाते हैं। शिवपुराण के अनुसार मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की अष्टमी को उनका अवतार हुआ था। शास्त्रों के अनुसार भारत की उत्पत्ति भगवान शिव के रूद्र रूप से हुई थी।

बाद में शिव के दो रूप उत्पन्न हुए प्रथम को बटुक भैरव और दूसरे को काल भैरव कहते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि बटुक भैरव भगवान का बाल रूप है और इन्हें आनंद भैरव भी कहते हैं। जबकि काल भैरव की उत्पत्ति एक श्राप के चलते हुई, अतः उनको शंकर का रौद्र अवतार माना जाता है। शिव के इस रूप की आराधना से भय एवं शत्रुओं से मुक्ति, और संकट से छुटकारा मिलता है। काल भैरव भगवान शिव का अत्यंत भयानक और विकराल प्रचंड स्वरूप है।

शिव के अंश भैरव को दुष्टों को दण्ड देने वाला माना जाता है इसलिए इनका एक नाम दण्डपाणी भी है। मान्यता है कि शिव के रक्त से भैरव की उत्पत्ति हुई थी इसलिए उनको कालभैरव कहा जाता है।

एक बार अंधकासुर ने भगवान शिव पर हमला कर दिया था तब महादेव ने उसके संहार के लिए अपने रक्त से भैरव की उत्पत्ति की थी। शिव और शक्ति दोनों की उपासना में पहले भैरव की आराधना करने के लिए कहा जाता है। कालिका पुराण में भैरव को महादेव का गण बताया गया है और नारद पुराण में कालभैरव और मां दुर्गा दोनों की पूजा इस दिन करने के लिए बताया गया है।

संबंधित अन्य नामकाल भैरव अष्टमी
शुरुआत तिथिमार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी
कारणकाल भैरव का अवतार दिवस।
उत्सव विधिभजन-कीर्तन, रुद्राभिषेक, शिव मंदिर में अभिषेक।

Kaal Bhairav Jayanti in English

Kaal Bhairav ​​appeared in the Pradosha period, the Krishna Ashtami of Margashirsha month, since then it is known as Bhairav ​​Ashtami.

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
1 December 202620 November 20279 November 2028
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी
महीना
नवंबर / दिसंबर
कारण
काल भैरव का अवतार दिवस।
उत्सव विधि
भजन-कीर्तन, रुद्राभिषेक, शिव मंदिर में अभिषेक।
महत्वपूर्ण जगह
काल भैरव मंदिर वाराणसी, भैरव मंदिर
पिछले त्यौहार
22 November 2024, 5 December 2023, 16 November 2022, 27 November 2021
अगर आपको यह त्योहार पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस त्योहार को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
×
Bhakti Bharat APP