बोनालू एक हिंदू त्योहार है जहां देवी महाकाली की पूजा की जाती है। त्योहार आमतौर पर आषाढ़ मास (जुलाई-अगस्त) के दौरान मनाया जाता है। गोलकुंडा मंदिर में, बोनालू नौ दिनों तक मनाया जाता है। इसलिए इसका नाम गोलकुंडा बोनालु रखा गया है। पहले दिन, एक 'उरागिम्पु' जुलूस होगा, उसके बाद बंजारा दरवाजा और विग्रहपीतम अनुष्ठान से 'बोनम' जुलूस होता है, जिसमें देवताओं की मूर्तियों की स्थापना की जाति है।
क्या होता है बोनालू उत्सव में?
राज्य के विभिन्न हिस्सों में देवी महाकाली के विभिन्न संस्करणों के लिए विशेष पूजा आयोजित की जाती है, लेकिन मुख्य रूप से देवी के अवतार येलामा की पूजा की जाती है। इस त्योहार के दौरान, भक्त आदिशक्ति के स्थानीय रूपों जैसे येल्लम्मा, पोचम्मा और मैसम्मा को उनकी रक्षा करने और उन्हें बुराई से बचाने के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
कैसे तैयार किया जाता है बोनालू?
बोनालू देवी मां को एक प्रसाद है। महिलाएं नए पीतल या मिट्टी के बर्तन में नीम के पत्ते, हल्दी, सिंदूर और बर्तन के ऊपर दीपक जलाकर दूध और गुड़ से पका चावल तैयार करती हैं। जिसको बनालू कहते हैं। गोलकुंडा किले में एक महीने तक रविवार और गुरुवार को बोनालू उत्सव जारी रहता है।
यह त्यौहार किस स्थान पर मुख्य रूप से मनाया जाता है?
बोनालू त्योहार हर साल दक्षिणी भारतीय राज्य तेलंगाना में मनाया जाता है, विशेष रूप से हैदराबाद और सिकंदराबाद शहरों में।
शुरुआत तिथि | आषाढ़ |
कारण | एलाम्मा (देवी काली) की पूजा की जाती है |
उत्सव विधि | विभिन्न रूपों और विशिष्ट अनुष्ठानों में देवी की पूजा की जाती है, भक्त बोनालु (भोजन) प्रदान करते हैं। |
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Festival | Date |
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15 June 2025 | |
6 July 2025 |