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🚩बुढ़वा मंगल - Budhwa Mangal

Budhwa Mangal Date: Tuesday, 2 September 2025
बुढ़वा मंगल

बुढ़वा मंगल उत्सव हनुमान जी के वृद्ध / बूढ़े रूप को समर्पित है। यह उत्सव भाद्रपद / भादौं माह के अंतिम मंगलवार को आयोजित किया जाता है, जिसे प्रचलित भाषा में बूढ़े मंगल के नाम से भी जाना जाता है। नगला खुशहाली में 300 साल पुराने हनुमान बरी परिसर में यह त्यौहार बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है।

बुढ़वा मंगल दक्षिण भारत की अपेक्षा उत्तर भारत मे ज्यादा प्रमुखता से मनाया जाता है। परंतु, उत्तर भारत में ही कहीं-कहीं यह त्यौहार ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बूढ़ा मंगल के नाम से मनाया जाता है, जिनमे कानपुर, लखनऊ एवं वाराणसी प्रमुख हैं।

संबंधित अन्य नामबूढ़े मंगल, बड़ा मंगल
शुरुआत तिथिभाद्रपद शुक्ला का अंतिम मंगल
उत्सव विधिव्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, हनुमान जी का चोला।

Budhwa Mangal in English

Budhwa Mangal Utsav is dedicated to the old age form of Hanuman ji. The festival is held on the last Tuesday of the month of Bhadrapada, which is also known as Budhe Mangal in popular language.

बुढ़वा मंगल का इतिहास

प्रथम मत:
महाभारत काल में हजारों हाथियों के बल को धारण किए भीम को अपने शक्तिशाली होने पर बड़ा अभिमान और घमंड हो गया था। भीम के घमंड को तोड़ने के लिए रूद्र अवतार भगवान हनुमान ने एक बूढ़े बंदर का भेष धारण कर उनका घमंड चूर-चूर कियाआगे यही दिन आगे चलकर बुढ़वा मंगल कहलाने लगा।

द्वितीय मत:
एक अन्य मत के अनुसार रामायण काल में भाद्रपद महीने के आखिरी मंगलवार को माता सीता की खोज में लंका पहुंचे हनुमान जी की पूंछ में रावण ने आग लगा दी थी। हनुमान जी ने अपने विराट स्वरूप को धारण कर लंका को जलाकर रावण का घमंड चूर किया।

बुढ़वा मंगल पूजा विधि

17 September 2024
❀ सुबह उठ कर स्नान करें और लाल वस्त्र धारण करें।
❀ हनुमान जी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
❀ घर के ईशान कोण में चौकी पर हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर बैठाएं।
❀ हनुमान मंदिर में जाकर भी पूजा कर सकते हैं।
❀ हनुमान जी को नारंगी सिंदूर चढ़ाएं।
❀ अब हनुमान जी को लाल पुष्प, लाल फल अर्पित करें।
❀ अंत में हनुमान जी की आरती और हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें।

मान्यता है कि इस दिन सच्ची श्रद्धा से हनुमान जी की पूजा करने से बजरंगबली की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हनुमानजी के बुद्ध स्वरूप की पूजा करने से बजरंगबली अपने भक्तों के सभी दुख दूर कर देते हैं।

संबंधित जानकारियाँ

आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
भाद्रपद शुक्ला का अंतिम मंगल
समाप्ति तिथि
भाद्रपद शुक्ला का अंतिम मंगल
महीना
अगस्त / सितंबर
उत्सव विधि
व्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, हनुमान जी का चोला।
महत्वपूर्ण जगह
उत्तर भारत, हनुमान मंदिर।
पिछले त्यौहार
17 September 2024, 26 September 2023, 6 September 2022, 14 September 2021, 1 September 2020, Few Areas : 12 May 2020, 10 September 2019
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