Updated: Sep 28, 2024 11:55 AM |
बारें में | संबंधित जानकारियाँ | यह भी जानें
Batuk Bhairav Jayanti Date: Thursday, 5 June 2025
भगवान शिव का बाल रूप और सबसे भयानक रूप बटुक भैरव हैं। बटुक भैरव जयंती, पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान बटुक भैरव की विशेष पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि बटुक भैरव की पूजा करने से सुख-शांति बढ़ती है और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस साल यह त्योहार 16 जून को मनाया जाएगा।
बटुक भैरव जयंती के पीछे की पौराणिक कथा
पुराण के अनुसार आपद नाम का एक राक्षस था। उसके अत्याचारों से तीनों लोकों के देवी-देवता और पृथ्वी पर मनुष्य त्रस्त थे। आपद को वरदान था कि कोई भी देवी-देवता उसे नहीं मार सकेगा। उसे कोई पांच साल का बच्चा ही मार सकता है। तब देवी-देवता अपनी समस्या लेकर भगवान शिव के पास गए। शिव की कृपा और देवी-देवताओं की शक्ति से शिव का जन्म पांच वर्ष के बालक के रूप में हुआ। बालक का नाम बटुक भैरव रखा गया। इसी बालक ने आपद राक्षस का वध किया था।
बटुक भैरव की पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि बटुक भैरव जयंती की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में खुशियां आती हैं। साथ ही मान-सम्मान, बल, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसके अलावा जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
संबंधित अन्य नाम | बटुक भैरव जयंती |
शुरुआत तिथि | ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि |
कारण | भगवान शिव |
उत्सव विधि | मंदिर में प्रार्थना, व्रत, घर में पूजा |
According to the Panchang Batuk Bhairav Jayanti is celebrated on the tenth day of Shukla Paksha of Jyeshtha month.
बटुक भैरव जयंती पूजा
16 June 2024
❀ भगवान बटुक भैरव का आशीर्वाद पाने के लिए भगवान शिव के बाल रूप की पूजा किया जाता है।
❀ भगवान को सफेद फूल, मीठी खीर और लड्डू आदि का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि इससे बटुक भैरव प्रसन्न होते हैं।
❀ इसके अलावा अशुभ ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए भगवान महादेव की पूजा करें। साथ ही शिवलिंग पर दूध भी चढ़ाएं। माना जाता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
❀ अगर आप शनि दोष से परेशान हैं तो बटुक जयंती के मौके पर पकौड़े और पूए बनाकर किसी जरूरतमंद को खिलाएं। इस से आपको शनि दोष की समस्या से राहत मिलेगी।
❀ ऐसा माना जाता है कि बटुक भैरव जयंती का दिन दुर्भाग्य दूर करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस दिन रोटी पर सरसों का तेल लगाकर काले कुत्ते को खिलाया जाता है।
बटुक भैरव पूजा मंत्र
ॐ बटुक भैरवाय नमः मंत्र का जाप करें। इससे दुर्भाग्य दूर होता है।
संबंधित जानकारियाँ
शुरुआत तिथि
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि
उत्सव विधि
मंदिर में प्रार्थना, व्रत, घर में पूजा
पिछले त्यौहार
16 June 2024
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