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🌿आंवला नवमी - Amla Navami

Amla Navami Date: Sunday, 10 November 2024
आंवला नवमी

आंवला नवमी कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। आंवला नवमी की पूजा संपन्न करने पर, भक्त को अक्षय फल की प्राप्ति होती है, अतः अक्षय नवमी के रूप में भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन किया गया पुण्य जन्म-जन्मान्तर तक खत्म नहीं होते हैं। इस दिन किए गये शुभ कार्य जैसे दान, पूजा, भक्ति, सेवा आदि का पुण्य कई जन्मों तक प्राप्त होता है।

आंवला नवमी की पूजा उत्तर भारत में अधिकता से की जाती है। इस दिन, आंवले के पेड़ के नीचे भोजन पकाया जाता है तथा परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर उस भोजन को ग्रहण करते हैं। महिलाएँ इस पूजा का पालन बच्चों की खुशी पाने और उन्हें अच्छी तरह से करने के लिए करती हैं।

संबंधित अन्य नामअक्षय नवमी, अनला नवमी, आंला नवमी
शुरुआत तिथिकार्तिक शुक्ल नवमी
उत्सव विधिव्रत, भजन, कीर्तन

Amla Navami in English

Amla Navami is also known as Akshay Navami. Amla Navami is celebrated on the Navami date of Kartik Shukla Paksha.

आंवला नवमी 2024 मुहूर्त

10 November 2024
आंवला नवमी रविवार, नवम्बर 10, 2024

आंवला नवमी पूर्वाह्न समय - 06:40 AM से 12:05 PM

नवमी तिथि प्रारम्भ - नवम्बर 09, 2024 को 10:45 PM
नवमी तिथि समाप्त - नवम्बर 10, 2024 को 09:01 PM

आंवला नवमी पूजा कथा

आंवला नवमी के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, तथा आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने की परंपरा शुरू हुई है। इस संदर्भ में एक कहानी है कि..

एक बार देवी लक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करने आईं। रास्ते में उन्होंने भगवान विष्णु और शिव की एक साथ पूजा करने की कामना की। लक्ष्मी माँ ने माना कि विष्णु और शिव को एक साथ कैसे पूजा जा सकता है। तब उन्होंने महसूस किया कि तुलसी और बेल की गुणवत्ता एक साथ आंवले के पेड़ में ही पाई जाती है। तुलसी को भगवान विष्णु से प्रेम है और भगवान शिव को बेल पत्र से।

माता लक्ष्मी ने आंवले के पेड़ को विष्णु और शिव का प्रतीक मानकर आंवले के पेड़ की पूजा की। पूजा से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु और शिव प्रकट हुए। लक्ष्मी माता ने आंवले के पेड़ के नीचे भोजन तैयार किया और उसे श्री विष्णु और भगवान शिव को परोसा। इसके बाद उन्होने उसी भोजन को प्रसाद रूप मे स्वयं ग्रहण किया। जिस दिन यह घटना हुई थी उस दिन कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि थी। अतः यह परंपरा उस समय से चली आ रही है।

आंवला नवमी पूजा विधान

🌿 आंवला नवमी के दिन महिलाओं को सुबह स्नान करना चाहिए और अपने पास स्थित किसी भी आंवले के पेड़ के पास जाना चाहिए और उस स्थान पर सफाई करनी चाहिए।
🌿 इसके बाद आंवले के पेड़ के नीचे पूर्व दिशा में खड़े होकर जल और दूध चढ़ाएं।
🌿 इसके बाद पूजा आदि करने के बाद पेड़ के चारों ओर रुई लपेटें और परिक्रमा करें।
🌿 अंत में, आंवले की आरती उतारें और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें।

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
31 October 2025
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
कार्तिक शुक्ल नवमी
समाप्ति तिथि
कार्तिक शुक्ल नवमी
महीना
अक्टूबर / नवम्बर
उत्सव विधि
व्रत, भजन, कीर्तन
महत्वपूर्ण जगह
घर, मंदिर
पिछले त्यौहार
21 November 2023, 2 November 2022, 12 November 2021, 23 November 2020

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आंवला नवमी, अक्षय नवमी, मोबाइल संदेश

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