ब्रह्मांड के कल्याण के लिए संस्कृत, वेद, शास्त्रीय कला, संगीत, नृत्य एवं चित्रकला, प्रार्थना एवं शास्त्रों के नियमित पाठ हेतु दक्षिण भारतीय चोल / पंड्या वास्तुकला से श्री सिद्धी गणेश मंदिर का निर्माण किया गया है।
मंदिर परम पावन एवं दिव्य कांचीपुरम पीठ के आचार्यों के अधीन आता है। मंदिर परिसर, एक आध्यात्मिक, भक्ति, शिक्षा और शन्ति गतिविधियों का केंद्र है। यहाँ सामान्यजन शांति, प्रेम, ध्यान, पूजा और सफाई को अपने जीवन मे समाहित करने हेतु एकत्र होते हैं।
मंदिर तक पहुँचने के लिए दिल्ली मेट्रो का इफ्फको चौक मेट्रो स्टेशन एवं रैपिड मेट्रो गुरुग्राम के फेज 1 स्टेशन पर उतरना सुविधा जनक होगा। गोल्फ कोर्स रोड से मंदिर दर्शन करने हेतु, गैलेरिया मार्केट से इफ्फको चौक की ओर चलें, फिर अगला दाहिना मोड़ लें, आप मंदिर दिशा मार्ग को लगभग 150 मीटर के बाद दाईं ओर इंगित करते हुए पाएँगे, दाएं मुड़ते ही आप 100 मीटर दूरी तय करते ही मंदिर पहुँच जाएंगे।
❀ संस्कृत, वेद एवं आध्यात्मिक क्षेत्रों में अध्ययन के लिए एक विद्यालय की स्थापना।
❀ नियमित प्रशिक्षण से शास्त्रीय कला, संगीत, नृत्य एवं चित्रकला को लोकप्रिय बनाना।
❀ ब्रह्मांड के कल्याण के लिए सामूहिक प्रार्थना, वेद एवं शास्त्रों का नियमित पाठ।
❀ निःशुल्क वैवाहिक सेवाओं, कुंडली मिलान सेवाओं, विवाह और अन्य कार्यों के आयोजन का प्रावधान।
❀ बिना किसी भेदभाव के जरूरतमंद और गरीबों को अन्नदान, वस्त्रदान द्वारा राहत प्रदान करना।
आध्यात्मिक प्रेरणा को प्रज्वलित रखने हेतु, गुड़गांव के कुछ प्रमुख निवासियों ने श्री सिद्धि गणेश सांस्कृतिक सोसायटी का पंजीकरण कराने की पहल की। अपनी स्थापना के बाद से, मंदिर समिति ने कई धार्मिक, सामाजिक, सामुदायिक विकास एवं धर्मार्थ गतिविधियों में बड़ी उत्सुकता से भाग लिया। हालाँकि, मंदिर की स्थापना का कार्य इसके सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक रहा।
हुडा ने मंदिर निर्माण के उद्देश्य से श्री कांची शंकराचार्य को 0.20 एकड़ (लगभग 1000 वर्ग गज) जगह को एक धार्मिक स्थल रूप देने हेतु आवंटन किया। स्थानीय व्यवस्थापक एवं निवासियों की रुचिमय भागीदारी और समर्थन के साथ मंदिर की कल्पना का कार्यान्वयन किया गया।
परंपरा के अनुरूप 26 जनवरी 2020 को संत त्यागराज की अरादानई मनाई। दो दिन चलने वाला इस आयोजन का यह पन्द्रहवाँ वर्ष था. 25 जनवरी 2020 को कक्षा 1 से 12 वीं तक के कर्नाटक संगीत के छात्रों ने संत त्यागराज की संगीत संध्या प्रतियोगिता में भाग लिया। संपूर्ण उत्साह दोगुना हो गया, जब न्यायाधीशों ने उन सवालों का जवाब दिया, जो दर्शकों को कठिन लगे, लेकिन बच्चों द्वारा आसानी से उत्तर दिए गए।
26 जनवरी 2020 को गुड़गांव के संगीत शिक्षकों और छात्रों द्वारा परंपरा के अनुसार संत त्यागराज के पंचरत्न कीर्तन का गायन किया। मंदिर प्रांगण की आभा इतनी दिव्य हो गई कि ऐसा प्रतीत होने लगा जैसा कि तिरुवयार में संत त्यागराज की समाधि हो।
श्री सिद्धी गणेश मंदिर
श्री सिद्धी गणेश मंदिर
श्री सिद्धी गणेश मंदिर
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