Updated: Sep 27, 2024 15:45 PM |
बारें में | संबंधित जानकारियाँ | यह भी जानें
Vamana Jayanti Date: Thursday, 4 September 2025
त्रेता युग में भगवान विष्णु के पाँचवें अवतार भगवान वामन के अवतरण दिवस को वामन जयंती के रूप मे मनाया जाता है। भगवान वामन का अवतरण भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को अभिजित मुहूर्त तथा श्रवण नक्षत्र में माना जाता है। अतः इस उत्सव को वामन द्वादशी के नाम से भी जाना जाता है।
वामन भगवान त्रेता युग में अवतरित प्रथम श्री विष्णु अवतार थे। इससे पहिले भगवान विष्णु के चार अवतार सतयुग में ही हुए थे। वामन भगवान प्रथम पूर्ण मानव अवतार भी हैं। भगवान वामन का अवतार माता अदिति एवं ऋषि कश्यप के पुत्र रूप इस पृथ्वी लोक में हुआ था।
श्रीजयदेव गोस्वामी द्वारा रचित श्रीगीतगोविन्दम के श्री दशावतार स्तोत्र में भी भगवान वामन को श्रीहरि का पाँचवा अवतार बताया गया है।
छलयसि विक्रमणे बलिमद्भुतवामन ।
पदनखनीरजनितजनपावन ।
केशव धृतवामनरुप जय जगदीश हरे ॥5॥
अर्थात: हे सम्पूर्ण जगतके स्वामिन् ! हे श्रीहरे ! हे केशव! आप वामन रूप धारणकर तीन पग धरतीकी याचनाकी क्रियासे बलि राजाकी वंचना कर रहे हैं। यह लोक समुदाय आपके पद-नख-स्थित सलिलसे पवित्र हुआ है। हे अदभुत वामन देव ! आपकी जय हो ॥5॥
संबंधित अन्य नाम | वामन द्वादशी |
शुरुआत तिथि | भाद्रपद शुक्ला द्वादशी |
कारण | भगवान वामन का अवतरण दिवस |
उत्सव विधि | भजन, कीर्तन |
Vaman Jayanti is celebrated on the incarnation day of Lord Vamana, the fifth incarnation of Bhagwan Vishnu in Treta Yuga.
वामन जयंती की पूजा विधि क्या है?
15 September 2024
❀ वामन जयंती के पवित्र दिन पर, अनुष्ठान शुरू करने का सबसे आदर्श तरीका ब्राह्मणों को दही, चावल और भोजन दान करना है क्योंकि वामन जयंती के दिन इसे अत्यधिक शुभ माना जाता है।
❀ भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए, भक्त दिन भर उपवास रखने के साथ-साथ पूजा और अन्य अनुष्ठान भी करते हैं।
❀ विष्णु सहस्रनाम और विभिन्न मंत्रों का जाप किया जाता है।
❀ 108 बार भगवान विष्णु का नाम लेते हुए, भक्त देवता को अगरबत्ती, दीपक और फूल चढ़ाते हैं।
❀ भक्त शाम को वामन कथा सुनते हैं और फिर भगवान की पूजा और भोग लगाने के बाद, वे भक्तों को प्रसाद वितरित करते हैं।
वामन जयंती व्रत का महत्व
वामन जयंती व्रत भारत के विभिन्न हिस्सों में बहुत खुशी और अत्यधिक भक्ति के साथ मनाया जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त इस व्रत का पालन करते हैं, उन्हें इस ब्रह्मांड के संरक्षक भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है, और उनके सभी पिछले पापों के लिए क्षमा प्रदान की जाती है।
संबंधित जानकारियाँ
भविष्य के त्यौहार
23 September 202612 September 2027
शुरुआत तिथि
भाद्रपद शुक्ला द्वादशी
समाप्ति तिथि
भाद्रपद शुक्ला द्वादशी
कारण
भगवान वामन का अवतरण दिवस
महत्वपूर्ण जगह
घर, भगवान विष्णु मंदिर
पिछले त्यौहार
15 September 2024, 26 September 2023, 7 September 2022, 17 September 2021
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