रामेश्वरम को भारत में हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है, और यह चार धाम तीर्थयात्रा का हिस्सा है। यह भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित एक खूबसूरत द्वीप है।
पौराणिक कथा:
भगवान शिव को समर्पित रामनाथ स्वामी मंदिर रामेश्वरम के एक प्रमुख क्षेत्र में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की प्रतिष्ठा श्री राम चंद्र ने की थी। यहां के इष्टदेव लिंग के रूप में हैं जिनका नाम श्री रामनाथ स्वामी है, यह भी बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
प्रक्रिया:
मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्त समुद्र में स्नान करते हैं जिसे अग्नि तीर्थम कहा जाता है। इतिहास कहता है कि भगवान राम ने रावण के साथ युद्ध के बाद महान संतों के कहने पर "ब्रह्म दोष" से छुटकारा पाने के लिए यहां पवित्र डुबकी लगाई थी। इस स्थान का पानी पवित्र माना जाता है और तीर्थयात्री इस समुद्र तट पर अपने पूर्वजों के सम्मान में पूजा भी करते हैं।
तीर्थ स्नानम (पवित्र स्नान) के लिए मंदिर की ओर बढ़ें। मंदिर में 22 पवित्र कुएं हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि इनमें विभिन्न स्थानों का पवित्र जल होता है। आपको प्रत्येक स्थान पर क्रमानुसार स्नान करना होगा।
स्नान करने के बाद भक्त अपने कपड़े बदलते हैं और
श्री रामनाथस्वामी मंदिर के दर्शन के लिए प्रवेश करते हैं। यह अपने शानदार प्राकारों या गलियारों के लिए प्रसिद्ध है जिनके दोनों ओर विशाल मूर्तिकला वाले खंभे हैं। इस मंदिर में दुनिया का सबसे लंबा गलियारा है।
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