Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
Ganesh Aarti Bhajan - Hanuman Chalisa - Download APP Now - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel -

चैत्र नवरात्रि के शुभ ज्योतिषीय उपाय (Astrological Remedies For Auspicious Chaitra Navratri)

चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी के विभिन्न रूपों की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि जो भक्त इन नौ दिनों में माता की भक्ति भाव से पूजा करता है, उसे सभी संकटों से मुक्ति मिल जाती है। माता के 9 रूप हैं और सभी की अलग-अलग महिमा है, जिनकी पूजा विशेष फलदायी है।
यूं तो साल में 4 बार नवरात्र आते हैं, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। जब चैत्र नवरात्रि की बात आती है, तो यह चैत्र के महीने में आती है जिसे हिंदू कैलेंडर के पहले महीने के रूप में भी जाना जाता है। इस साल चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है और 30 मार्च को समाप्त होगी।

शुभ चैत्र नवरात्रि के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय आजमाएं:

लौंग कपूर जलाएं - Laung Kapoor Jalaen
कपूर का इस्तेमाल कई तरह की पूजा में किया जाता है। माना जाता है कि पूजा के दौरान कपूर जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। चैत्र नवरात्रि में नौ दिनों तक अगर आप लौंग और कपूर से माता की आरती करें तो आपके जीवन में आर्थिक लाभ हो सकता है।

माता को लाल सिंदूर चढ़ाएं - Laal Sindoor Chadhaen
देवी मां की पूजा करते समय उन्हें लाल सिंदूर चढ़ाएं। इस उपाय से आपके जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहेगी। यदि आप नवरात्रि में नियमित रूप से देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करने के साथ सिंदूर भी चढ़ाते हैं, तो आपके लिए धन का सृजन होगा। नवरात्रि में आप अपनी राशि के अनुसार देवी की पूजा कर सकते हैं।

माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं - Kheer Ka Bhog Lagaen
माता लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। अगर आप नवरात्रि में शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी को चावल की खीर का भोग लगाकर घर की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करते हैं तो आपके जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहेगी।

आम की लकड़ी से हवन करें - Aam Ki Lakadi Se Havan Karen
नवरात्रि में नौ दिनों तक पूजा-अर्चना के बाद हवन का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि यदि नवमी तिथि को पूरे विधि-विधान से आम की लकड़ी से हवन किया जाए तो इसके धुएं के साथ सभी नकारात्मक शक्तियां बाहर निकल जाती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।

माता को गुड़हल का फूल अर्पित करें - Gudahal Ka Phool Arpit Karen
माता दुर्गा को लाल रंग की चीजें विशेष रूप से पसंद हैं। अगर आप उन्हें लाल चुनरी और लाल फूल अर्पित करते हैं तो आपके जीवन में खुशियों का आगमन हो सकता है। नवरात्रि में माता को 5 गुड़हल के फूल चढ़ाएं और इन फूलों को निकालकर घर में धन स्थान पर रख दें।

पूजा स्थान पर कौड़ियों का ख्याल रखना - Kaudiyon Ka Prayog
कौड़ी धन के लिए एक विशेष उपाय माना जाता है। इस कारण पूजा स्थान पर कौड़ी जरूर रखी जाती है। नवरात्रि में कलश स्थापना के साथ माता दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के पीछे 7 कौड़ीयां रखें और उन पर सिंदूर लगाएं। जिस दिन नवरात्रि की पूजा समाप्त हो जाए उस दिन सभी कौड़ीयों को निकालकर पीले कपड़े में बांधकर धन स्थान पर रख दें। इस उपाय से आपका अटका हुआ धन भी वापस मिल जाएगा और धन के मार्ग खुलेंगे।

यदि आप नवरात्रि के नौ दिनों में इन विशेष उपायों को आजमाते हैं तो आपके जीवन में हमेशा समृद्धि बनी रहेगी और आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

चैत्र नवरात्रि विशेष 2023: आरती | भजन | मंत्र | नामवली | कथा | मंदिर | भोग प्रसाद

Astrological Remedies For Auspicious Chaitra Navratri in English

Every year Chaitra Navratri starts from the Pratipada date of Shukla Paksha of Chaitra month. In these 9 days of Navratri, initially 9 major forms of Maa Durga are worshiped.
यह भी जानें

Blogs Auspicious Chaitra Navratri BlogsChaitra Navratri Ghatasthapana BlogsGhatasthapana Vidhi BlogsNavratri BlogsChaitra Navratri BlogsMaa Durga BlogsDevi Maa BlogsNavratri 2023 Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी में क्या अंतर है?

शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी जो पूर्णिमा के बाद आती है उसे संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।

बटगणेश मंदिर, पुरी जगन्नाथ मंदिर में गणेश चतुर्थी

जगन्नाथ मंदिर पुरी के बटगणेश मंदिर में हर साल गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

गणेशोत्सव 2024

आइए जानें! श्री गणेशोत्सव, श्री गणेश चतुर्थी, अनंत चतुर्दशी एवं गणपति विसर्जन से जुड़ी कुछ जानकारियाँ, प्रसिद्ध भजन एवं सम्वन्धित अन्य प्रेरक तथ्य..

अथचमायम महोत्सव

केरल में 10 दिवसीय ओणम उत्सव त्रिपुनिथुरा में अथाचामयम जुलूस के साथ शुरू होता है।

बिश्नोई पन्थ के उनतीस नियम!

बिश्नोई पन्थ के उनतीस नियम निम्नलिखित हैं: तीस दिन सूतक, पांच ऋतुवन्ती न्यारो। सेरो करो स्नान, शील सन्तोष शुचि प्यारो॥...

ISKCON एकादशी कैलेंडर 2024

यह एकादशी तिथियाँ केवल वैष्णव सम्प्रदाय इस्कॉन के अनुयायियों के लिए मान्य है | ISKCON एकादशी कैलेंडर 2024

गणेश विसर्जन कैसे करें

गणेश चतुर्थी उत्सव में गणेश विसर्जन एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो भगवान गणेश को समर्पित उत्सवों के समापन का प्रतीक है।

Hanuman Chalisa -
Ganesh Aarti Bhajan -
×
Bhakti Bharat APP