देख के सागर की लहरों को,वानर सब घबराये । कैसे होगा पार ये सागर, मन ही मन सकुचाये ॥
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ, जय बोलो जय माता दी, जो भी दर पे आए, जय हो...
मेरी विपदा टाल दो आकर, हे जग जननी माता, शेरों वाली माता, मेहरो वाली माता ॥
दादी इतनी किरपा करिये, दर ते आवता रवा, मैं तो थारे दरबार से मांगता रहा ॥
बड़े मान से जमाना, माँ तुमको पूजता है, तेरे नाम का तराना...
वो है जग से बेमिसाल सखी, माँ शेरोवाली कमाल सखी, की री तुझे क्या बतलाऊं...
हाँ माँ हो तो ऐसी हो ऐसी हो, अरे ऐसी हो काली मैय्यां तेरे जैसी हो, महाकाली मैय्यां तेरे जैसी हो...