मुकुन्द माधव गोविन्द बोल। केशव माधव हरि हरि बोल॥
शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी, मेरा भी धन्य जीवन बनायेंगे रामजी, आँखों से रोज अपनि राहे बुहारती..
मंगल मूर्ति मारुति नंदन, सकल अमंगल मूल निकंदन, पवन तनय संतन हितकारी..
थारी चाकरी करूंगो दिन रात, बणाल्यो म्हाने चाकरियो, थारी सेवा करूंगो दिन रात, बणाल्यो म्हाने चाकरियो, चाकरियो ए दादी सेवकियो, थारां गुण गाऊं दिन रात, बणाल्यो म्हाने चाकरियो ॥
सुनो करुणा भरी ये पुकार, द्वार तेरे हम आये, तोरे अंगना लगी है कतार, द्वार तेरे हैं आये ॥
हे आर्य पुत्रों, हे राम भक्तों तुम्हे अयोध्या बुला रही है । दमक रहा है, श्री राम मंदिर दिवाली सी जगमगा रही है ।
रख लाज मेरी गणपति, अपनी शरण में लीजिए । कर आज मंगल गणपति..