Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
Hanuman Chalisa - Hanuman ChalisaDownload APP Now - Download APP NowAditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya StotraFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

क्या है यह मासिक शिवरात्रि? (What is Masik Shivratri?)

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मासिक शिवरात्रि व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। हर महीने की यह तिथि भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है।
इसलिए इस दिन नियम के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति मासिक शिवरात्रि का व्रत करता है उसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और संतान प्राप्ति, रोगों से मुक्ति के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत भी रखा जाता है।

आगामी मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
❀ 4 अक्टूबर 2021, सोमवार (अश्विन, कृष्ण चतुर्दशी)
प्रारंभ - 09:05 अपराह्न, 04 अक्टूबर
समाप्त - 07:04 अपराह्न, 05 अक्टूबर

❀ 3 नवंबर 2021, बुधवार (कार्तिक, कृष्ण चतुर्दशी)
प्रारंभ - 09:02 पूर्वाह्न, 03 नवंबर
समाप्त - 06:03 पूर्वाह्न, नवंबर 04

❀ 2 दिसंबर 2021, गुरुवार (मार्गशीर्ष, कृष्ण चतुर्दशी)
प्रारंभ - 08:26 अपराह्न, 02 दिसंबर
समाप्त - 04:55 अपराह्न, 03 दिसंबर

मासिक शिवरात्रि व्रत विधि
❀सुबह स्नान कर घर के मंदिर में दीपक जलाएं।
❀सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें। यदि गंगा जल न हो तो आप स्वच्छ जल से अभिषेक भी कर सकते हैं।
❀माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा और आरती करें।
❀इस दिन भगवान शंकर को कुछ मीठा भोग लगाएं।

पौराणिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन आधी रात को भगवान शिव, शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। जिसके बाद सबसे पहले भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने उनकी पूजा की। शास्त्रों के अनुसार माता लक्ष्मी, मां सरस्वती, मां गायत्री, माता सीता, मां पार्वती और मां रति ने भी अपनी जान बचाने के लिए शिवरात्रि का व्रत रखा था.

विशेष बातें:
मासिक शिवरात्रि के दिन कुछ विशेष नियम का पालन करना चाहिए। इस दिन व्यक्ति को अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए, ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और मन में किसी के प्रति गलत विचार नहीं लाना चाहिए, गाली नहीं देनी चाहिए, मांस और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए, झूठ नहीं बोलना चाहिए। क्रोध नहीं करना चाहिए।

What is Masik Shivratri? in English

According to the Hindu calendar, the monthly Shivaratri fast is observed every month on the Chaturdashi Tithi of Krishna Paksha.
यह भी जानें

Blogs Masik Shivratri BlogsShivratri BlogsBhole Baba BlogsShiv Shankar BlogsSambhu Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

पौष मास 2024

पौष मास, यह हिंदू महीना मार्गशीर्ष मास के बाद आता है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार 10वां महीना है।

अधूरा पुण्य

दिनभर पूजा की भोग, फूल, चुनरी, आदि सामिग्री चढ़ाई - पुण्य; पूजा के बाद, गन्दिगी के लिए समान पेड़/नदी के पास फेंक दिया - अधूरा पुण्य

तुलाभारम क्या है, तुलाभारम कैसे करें?

तुलाभारम और तुलाभरा जिसे तुला-दान के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन हिंदू प्रथा है यह एक प्राचीन अनुष्ठान है। तुलाभारम द्वापर युग से प्रचलित है। तुलाभारम का अर्थ है कि एक व्यक्ति को तराजू के एक हिस्से पर बैठाया जाता है और व्यक्ति की क्षमता के अनुसार बराबर मात्रा में चावल, तेल, सोना या चांदी या अनाज, फूल, गुड़ आदि तौला जाता है और भगवान को चढ़ाया जाता है।

महा शिवरात्रि विशेष 2025

बुधवार, 26 फरवरी 2025 को संपूर्ण भारत मे महा शिवरात्रि का उत्सव बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाएगा। महा शिवरात्रि क्यों, कब, कहाँ और कैसे? | आरती: | चालीसा | मंत्र | नामावली | कथा | मंदिर | भजन

नया हनुमान मन्दिर का प्राचीन इतिहास

नया हनुमान मन्दिर को उन्नीसवीं शती के आरम्भ में सुगन्धित द्रव्य केसर विक्रेता लाला जटमल द्वारा 1783 में बनवाया गया।

तनखैया

तनखैया जिसका अर्थ है “सिख पंथ में, धर्म-विरोधी कार्य करनेवाला घोषित अपराधी।

कल्पवास

प्रयाग के संगम तट पर एक माह रहकर लोग कल्पवास करते हैं। यह परम्परा सदियों से चली आ रही है। ’कल्पवास‘ एक ऐसा व्रत है जो प्रयाग आदि तीर्थों के तट पर किया जाता है।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Ram Bhajan - Ram Bhajan
×
Bhakti Bharat APP