Download Bhakti Bharat APP
Hanuman Chalisa - Hanuman ChalisaDownload APP Now - Download APP NowAditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya StotraFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

नवरात्रि में कन्या पूजन की विधि (Method of Kanya Pujan in Navratri)

नवरात्रि में कन्या पूजन की विधि
नवरात्रि में विधि-विधान से मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसके साथ ही अष्टमी और नवमी तिथि को बहुत ही खास माना जाता है, क्योंकि इन दिनों कन्या पूजन का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में कन्या की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है। इससे मां दुर्गा शीघ्र प्रसन्न होती हैं। पूजन के लिए आमंत्रित छोटी लड़कियों (कन्याओं) को कंजक / कंजकें भी कहा जाता है, अतः यह पूजा कंजक पूजन के नाम से भी प्रसिद्ध है।
कन्या पूजन / कंजक पूजा का शुभ मुहूर्त:
नवरात्रि में अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन करना शुभ माना जाता है। शुभ मुहूर्त में कन्या की पूजा करना शुभ रहेगा।

कन्या पूजन की विधि:
❀ अष्टमी के दिन कन्या की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान कर लें।
❀ स्नान करने के बाद सबसे पहले विधि अनुसार भगवान गणेश और महागौरी की पूजा करें।
❀ कन्या पूजा के लिए दो साल से लेकर 10 साल तक की 9 लड़कियों और एक लड़के को घर पर बुलाएं।
❀ कन्याओं के पैर धोने के बाद उनके हाथों में रोली, कुमकुम और अक्षत का टीका लगाकर मौली बांधें।
❀ अब कन्या और बालक को दीप दिखाकर आरती उतारकर यथासम्भव उन्हें अर्पित करें। आमतौर पर कन्या पूजन के दिन लड़कियों को पुरी, चना और हलवा खाने के लिए दिया जाता है।
भोजन के बाद लड़कियों को यथासंभव उपहार दिए जाते हैं।
❀ इसके बाद पैर छूकर उन्हें आशीर्वाद दें और मां की स्तुति करते हुए गलती के लिए माफी मांगें। उसके बाद, उन्हें आतिथ्य सत्कार के साथ विदा करें।
चैत्र नवरात्रि विशेष 2024: आरती | भजन | मंत्र | नामवली | कथा | मंदिर | भोग प्रसाद

कन्या पूजन का महत्व
देवी पुराण के अनुसार कन्या की पूजा करने से देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं और व्रत की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इतना ही नहीं कन्याओं को भोजन कराने से कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी ठीक हो जाती है। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार कन्या पूजन में आपको हमेशा एक लड़के को आमंत्रित करना चाहिए। यह माना जाता है कि भगवान शिव ने आदि शक्ति या मां दुर्गा की सुरक्षा के लिए भैरव को नियुक्त किया था। इसलिए मां दुर्गा के साथ भगवान भैरव के रूप में कम से कम एक लड़के की पूजा करना जरूरी है।

नवरात्रि के नौवें दिन मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठधीश्वर योगी आदित्यनाथ जी गोरखनाथ मंदिर में पूरे विधि-विधान से कन्या पूजन करते हैं।

हमें उम्मीद है कि ये टिप्स इस साल कन्या पूजन में आपकी मदद करेंगे। सभी हिंदू धार्मिक त्योहारों, भजन, मंदिरों, कथा के लिए भक्ति भारत पर बने रहें।

Method of Kanya Pujan in Navratri in English

In Navratri, nine forms of Maa Durga are worshiped by bidhi. Along with this, Ashtami and Navami dates are considered very special, because these days there is also a rule of kanya pujan. It is believed that kanya pujan in Navratri brings happiness and prosperity. Due to this, Maa Durga is soon pleased.
यह भी जानें

Blogs Navratri BlogsChaitra Navratri BlogsMaa Durga BlogsDevi Maa BlogsNavratri 2023 BlogsKanya Puja 2024 BlogsKanjak Puja Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

अधूरा पुण्य

दिनभर पूजा की भोग, फूल, चुनरी, आदि सामिग्री चढ़ाई - पुण्य; पूजा के बाद, गन्दिगी के लिए समान पेड़/नदी के पास फेंक दिया - अधूरा पुण्य

तुलाभारम क्या है, तुलाभारम कैसे करें?

तुलाभारम और तुलाभरा जिसे तुला-दान के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन हिंदू प्रथा है यह एक प्राचीन अनुष्ठान है। तुलाभारम द्वापर युग से प्रचलित है। तुलाभारम का अर्थ है कि एक व्यक्ति को तराजू के एक हिस्से पर बैठाया जाता है और व्यक्ति की क्षमता के अनुसार बराबर मात्रा में चावल, तेल, सोना या चांदी या अनाज, फूल, गुड़ आदि तौला जाता है और भगवान को चढ़ाया जाता है।

महा शिवरात्रि विशेष 2025

बुधवार, 26 फरवरी 2025 को संपूर्ण भारत मे महा शिवरात्रि का उत्सव बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाएगा। महा शिवरात्रि क्यों, कब, कहाँ और कैसे? | आरती: | चालीसा | मंत्र | नामावली | कथा | मंदिर | भजन

नया हनुमान मन्दिर का प्राचीन इतिहास

नया हनुमान मन्दिर को उन्नीसवीं शती के आरम्भ में सुगन्धित द्रव्य केसर विक्रेता लाला जटमल द्वारा 1783 में बनवाया गया।

तनखैया

तनखैया जिसका अर्थ है “सिख पंथ में, धर्म-विरोधी कार्य करनेवाला घोषित अपराधी।

कल्पवास

प्रयाग के संगम तट पर एक माह रहकर लोग कल्पवास करते हैं। यह परम्परा सदियों से चली आ रही है। ’कल्पवास‘ एक ऐसा व्रत है जो प्रयाग आदि तीर्थों के तट पर किया जाता है।

मार्गशीर्ष मास 2024

मार्गशीर्ष हिंदू कैलेंडर में नौवां महीना है, जिसे हिंदुओं के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार "मासोनम मार्गशीर्षोहम्" का अर्थ है कि मार्गशीर्ष के समान शुभ कोई दूसरा महीना नहीं है।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
×
Bhakti Bharat APP