Download Bhakti Bharat APP
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - Gajendra Moksham StotramDownload APP Now - Download APP NowHanuman Chalisa - Hanuman ChalisaFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

गणेश विसर्जन कैसे करें (How to do Ganesh Visarjan)

गणेश विसर्जन कैसे करें
गणेश चतुर्थी उत्सव में गणेश विसर्जन एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो भगवान गणेश को समर्पित उत्सवों के समापन का प्रतीक है। गणेश मूर्तियों का विसर्जन भगवान गणेश की उनके दिव्य निवास में वापसी का प्रतीक है और जन्म और पुनर्जन्म के चक्र का प्रतीक है। यहां गणेश विसर्जन से जुड़े विभिन्न समय और परंपराओं का विस्तृत अवलोकन दिया गया है:
गणेश विसर्जन का समय
❀ गणेश चतुर्थी के दिन:
गणेश विसर्जन तकनीकी रूप से गणेश चतुर्थी के दिन ही किया जा सकता है, हालांकि यह कम आम है। पूजा-अर्चना के बाद शाम को विसर्जन किया जाएगा। यह विधि आमतौर पर अस्थायी या छोटी मूर्तियों के लिए अपनाई जाती है।

❀ चतुर्थी के डेढ़ दिन बाद:
यह विसर्जन के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है, खासकर उन जगहों पर जहां गणेश मूर्ति थोड़े समय के लिए स्थापित की जाती है। भक्त चतुर्थी की दोपहर को गणेश पूजा करते हैं और फिर अगले दोपहर को मूर्ति का विसर्जन करते हैं, जिससे यह डेढ़ दिन की अवधि बन जाती है।

❀ तीसरा, पाँचवाँ या सातवाँ दिन:
गणेश विसर्जन चतुर्थी के तीसरे, पांचवें या सातवें दिन भी हो सकता है। ये समय उन भक्तों के लिए एक लचीली अवधि प्रदान करता है जिनके पास विसर्जन के लिए अलग-अलग कार्यक्रम या प्राथमिकताएं हो सकती हैं।

❀ अनंत चतुर्दशी:
गणेश विसर्जन के लिए सबसे व्यापक रूप से मनाया जाने वाला दिन अनंत चतुर्दशी है, जो चतुर्थी के ग्यारहवें दिन पड़ता है। यह दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भगवान विष्णु की पूजा के साथ मेल खाता है। भक्तों का मानना ​​है कि इस दिन विसर्जन करने से सबसे बड़ा आध्यात्मिक लाभ होता है।

गणेश विसर्जन अनुष्ठान और जुलूस
❀ पूजा और आरती:
विसर्जन से पहले, भक्त गणेश प्रतिमा पर फूल, प्रसाद और नारियल चढ़ाकर अंतिम पूजा और आरती करते हैं। यह श्रद्धा और विदाई दोनों का क्षण है।'

❀ जुलूस:
मूर्ति को एक भव्य जुलूस के रूप में निकटतम नदी, तालाब या समुद्र तक ले जाया जाता है। जुलूस आमतौर पर जीवंत होता है, जिसमें लोग भक्ति गीत गाते हैं, ढोल बजाते हैं और "गणपति बप्पा मोरया" और "गणेश महाराज की जय" जैसे नारे लगाते हैं।

❀ विसर्जन समारोह:
मुंबई जैसी जगहों पर, गणेश विसर्जन गणपति मंडलों द्वारा प्रबंधित एक भव्य कार्यक्रम है। विसर्जन एक प्रमुख सार्वजनिक उत्सव है, जो अक्सर रात तक चलता है और सुबह होने तक जारी रहता है। पारंपरिक ड्रम और अन्य संगीत वाद्ययंत्र इस आयोजन को भव्यता देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

❀ गृह विसर्जन:
छोटी मूर्तियों के लिए या ऐसे मामलों में जहां यह अधिक व्यावहारिक है, विसर्जन घर पर बाल्टी या टब में किया जा सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो अधिक अंतरंग और व्यक्तिगत समारोह पसंद करते हैं।

क्षेत्रीय विविधताएँ
❀ तेलुगु भाषी क्षेत्र:
जिन क्षेत्रों में तेलुगु बोली जाती है, वहां विसर्जन को "विनायक निमंजनम" के नाम से जाना जाता है।

❀ मुंबई:
शहर के उत्सव विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं, जिसमें विस्तृत जुलूस और उत्सव होते हैं जो बड़ी भीड़ खींचते हैं।

गणेश विसर्जन केवल विसर्जन की रस्म के बारे में नहीं है; यह एक सांस्कृतिक और सामुदायिक कार्यक्रम भी है जो लोगों को जश्न मनाने और भगवान गणेश को विदाई देने के लिए एक साथ लाता है, जो अगले साल उनकी वापसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

गणेशोत्सव क्यों कब, कहाँ और कैसे?
श्री गणेश चतुर्थी
अनंत चतुर्दशी / गणपति विसर्जन

गणेशोत्सव आरती:
जय गणेश जय गणेश
शेंदुर लाल चढ़ायो
श्री सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई: जय देव जय देव

श्री गणेश चालीसा:
गणेश चालीसा

गणेशोत्सव मेसेज:
गणेशोत्सव शुभकामना मेसेज

गणेश मंत्र:
वक्रतुण्ड महाकाय! श्री गणेश मंत्र
गणेश शुभ लाभ मंत्र
गणेश अंग पूजा मंत्र
गजाननं भूत गणादि सेवितं
गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि।
श्री गणेशपञ्चरत्नम् - मुदाकरात्तमोदकं
नामावली: श्री गणेश अष्टोत्तर नामावलि
ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र
हरिद्रा गणेश कवचम्
संकटनाशन गणेश स्तोत्र - प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम

गणेशोत्सव भजन:
घर में पधारो गजानन जी
गणपति आज पधारो, श्री रामजी की धुन में
मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे
गाइये गणपति जगवंदन
गौरी के नंदा गजानन, गौरी के नन्दा

श्री गणेश कथा:
अनंत चतुर्दशी की पौराणिक कथा

प्रेरक कहानी:
दद्दा की डेढ़ टिकट
गणेश विनायक जी की कथा
तुलसीदास जी द्वारा श्री रामचरितमानस की रचना

श्री गणेश मंदिर:
पुणे शहर के प्रसिद्ध मंदिर
दिल्ली के प्रसिद्ध श्री गणेश मंदिर
श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर, मुंबई
श्री कसबा गणपति मंदिर, पुणे
दगडूशेठ गणपति मंदिर, पुणे
सारसबाग गणपती मंदिर, पुणे
बंगाली बाबा श्री गणेश मंदिर, जयपुर
श्री सिद्धी गणेश मंदिर, गुरुग्राम
गणेश टेकरी, नाथद्वारा

भोग प्रसाद:
पारंपरिक मोदक बनाने की विधि
बेसन के लड्‍डू बनाने की विधि
मावा के मोदक बनाने की विधि
केसर मोदक बनाने की विधि

ब्लॉग:
संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी में क्या अंतर है?
बटगणेश मंदिर, पुरी जगन्नाथ मंदिर में गणेश चतुर्थी

How to do Ganesh Visarjan in English

Ganesh Visarjan is a significant ritual in the Ganesh Chaturthi festival, marking the culmination of the celebrations dedicated to Bhagwan Ganesh.
यह भी जानें

Blogs Ganesh Visarjan BlogsShri Ganesh BlogsShri Vinayak BlogsGanpati BlogsGanpati Bappa BlogsGaneshotsav BlogsGajanan BlogsGanesh Chaturthi Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

चैत्र मास 2025

चैत्र मास, हिंदू कैलेंडर का पहला महीना, जो हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। हिन्दू वर्ष का प्रथम मास होने के कारण चैत्र का विशेष महत्व है। चैत्र मास की पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में है, इसलिए इस मास का नाम चैत्र है। चैत्र का महीना मार्च या अप्रैल में आता है।

आंवला नवमी पर राधा पद दर्शन

आंवला नवमी या अनला नवमी के शुभ अवसर पर, हजारों भक्त प्रसिद्ध राधा पद दर्शन अनुष्ठान के लिए सखीगोपाल मंदिर, पुरी, ओडिशा में भगवान श्री कृष्ण के प्रसिद्ध गोपीनाथ मंदिर जाते हैं।

दीवाली विशेष 2024

दीवाली/दीपावली क्यों, कब, कहाँ और कैसे? आरती माँ लक्ष्मीजी, भगवान श्री कुबेर जी की आरती, आरती श्री गणेश जी, आरती श्री रामचन्द्र जी की कीजै, श्री गोवर्धन महाराज आरती

कार्तिक मास 2024

कार्तिक मास हिंदू कैलेंडर का आठवां महीना है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अक्टूबर और नवंबर में आता है। भारत के राष्ट्रीय नागरिक कैलेंडर में, कार्तिक वर्ष का आठवां महीना है।

पवित्र कार्तिक मास में क्या करें?

कार्तिक मास (माह) हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र महीना है, इस महीने की अधिष्ठात्री देवी श्रीमती राधारानी हैं। इस वर्ष 2023 कार्तिक मास 29 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 27 नवंबर को समाप्त होगा।

आयुध पूजा

आयुध पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत और देवी दुर्गा द्वारा राक्षस महिषासुर के विनाश के उत्सव का प्रतीक है। इसे नवरात्रि उत्सव के हिस्से के रूप में मनाया जाता है। आयुध पूजा के लिए, देवी सरस्वती, पार्वती माता और लक्ष्मी देवी को पूजा जाता है। दक्षिण भारत में विश्वकर्मा पूजा के समान लोग अपने उपकरणों और शस्त्रों की पूजा करते हैं।

मैसूर दशहरा

मैसूर दशहरा 10 दिनों तक चलने वाला त्योहार है जो बहुत ही धूमधाम के साथ मैसूर में मनाया जाता है | मैसूर दशहरा कैसे मनाया जाता है? | मैसूर दशहरा महोत्सव 2024 कब शुरू होगा

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Shiv Chalisa - Shiv Chalisa
×
Bhakti Bharat APP