बुद्ध पूर्णिमा, बुद्ध जयंती या वेसाक बौद्धों का त्योहार है जो गौतम बुद्ध के जन्म का प्रतीक है। बुद्ध का अर्थ है आत्मज्ञान और मृत्यु। यह अप्रैल या मई में पूर्णिमा के दिन पड़ता है और भारत में यह राजपत्रित अवकाश होता है।
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कैसे करें चारधाम यात्रा ऑनलाइन पंजीकरण 2023
चारधाम के रूप में जाना जाने वाला प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल उत्तराखंड की गढ़वाल हिमालय श्रृंखला में स्थित है। चारधाम चार पवित्र स्थानों का एक समूह है जिसमें गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं। 2014 से, सरकार ने परेशानी मुक्त प्रक्रिया के लिए पंजीकरण को महत्वपूर्ण बना दिया है, और प्रक्रिया समाप्त होने के बाद सभी अनुयायी बायोमेट्रिक कार्ड प्राप्त करते हैं। कार्ड तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधाएं भी प्रदान करता है।
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मृत्यु के बाद तेरहवी क्यों की जाती है?
हिन्दू धर्म में मृत्यु के 13 दिनों तक शोक मनाया जाता है और फिर तेरहवें दिन ब्राह्मण भोज का आयोजन किया जाता है ताकि मृतक की आत्मा को शांति मिले और ईश्वर के धाम में स्थान मिले। तेरह दिनों की इस अवधि को तेरहवी के नाम से जाना जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार यदि मृतक की तेरहवीं न हो तो उसकी आत्मा पिशाच योनि में भटकती रहती है।
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राम मंदिर: अयोध्या में 'प्राण प्रतिष्ठा' 22 जनवरी, 2024 को होगी
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जोरों पर चल रहा है और माना जा रहा है कि जनवरी 2024 में इसे भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। माना जाता है कि अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 को होगी। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे।
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सप्त पुरी: हिंदुओं की सात पवित्र शहर
हिंदुओं के पवित्र ग्रंथों के अनुसार भारत बर्ष मैं सप्त पुरी नामक सात पवित्र शहर हैं, प्रत्येक शहर का हिंदू देवताओं के साथ एक मजबूत संबंध है। इन सात पवित्र शहर में आपको मोक्ष प्राप्त करने के लिए जाना चाहिए।
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पूजा घर में जल रखना क्यों आवश्यक है?
हमारे धर्म शास्त्रों में ऐसी कई बातें लिखी गई हैं जिनका हम सदियों से पालन करते आ रहे हैं। इन्हीं में से एक है पूजा के स्थान पर जल रखने की अनिवार्यता। पूजा घर में किसी अन्य वस्तु के साथ एक पात्र में जल भी रखें।
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केदारनाथ धाम के कपाट खुले, श्रद्धालु दर्शन के लिए बना सकते हैं प्लान
अगर आप भी चार धाम यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं? तो जल्दी से तैयार हो जाइए, दरअसल उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा के लिए हर दिन दर्शन का कोटा खत्म कर दिया है। अब तक दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखी जाती थी, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने इस आदेश को रद्द कर दिया है।
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सीता नवमी 2021: महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि
देवी सीता की जयंती को पूरे भारत में सीता नवमी के रूप में मनाया जाता है। किंवदंतियों के अनुसार, विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस दिन उपवास रखती हैं।
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दिव्य सामौर बाबा मंदिर बना आकर्षक पर्यटन स्थल
दिव्य सामौर बाबा मंदिर मंदिर का पुनरुद्धार होने वाला है। लगवग 5 करोड़ की लागत के साथ मंदिर को आकर्षक रूप दिया जायेगा और आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में प्रख्यात किया जाएगा। पूरे प्रोजेक्ट का ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है जो की बहुत आकर्षक है।
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No.1 Spiritual and Religious Website in India by Alexa Rank
We are so happy to announce you Bhaktibharat is now ranked No.1 in Alexa as a Hindu Devotional blog site.
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छप्पन भोग क्या है? छप्पन भोग के व्यंजन क्या हैं?
त्योहारों पर भगवान को छप्पन भोग लगाए जाते हैं। अक्सर सवाल यह उठता है कि भगवान को छप्पन व्यंजनों का भोग ही क्यों लगाया जाता है और इन छप्पन व्यंजनों में कौन-कौन सी चीजें शामिल होती हैं। आइए जानते हैं कि आखिर भगवान को छप्पन भोग की कहानी
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वेल्लिंगिरी पहाड़ी कोयम्बटूर शहर, तमिलनाडु से 40 किमी की दूरी पर स्थित है। वेल्लिंगिरी पर्वत सबसे कठिन ट्रेकिंग स्थलों में से एक है। वेल्लिंगिरी पर्वत स्वयंभू को समर्पित, भगवान शिव का एक रूप, वेल्लिंगिरी पहाड़ियों पर स्थित मंदिर संतों और सिद्धों के लिए एक पसंदीदा ध्यान स्थान है। यह सद्गुरु का पसंदीदा पर्वत है जहां उन्होंने ज्ञान प्राप्त किया था। यह वह स्थान था जिसने सतगुरु को ध्यानलिंगम की प्राणप्रतिष्ठा करने के लिए प्रेरित किया।
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भारत के विभिन्न राज्यों में हनुमान जयंती उत्सव
हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। पहला हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर यानी ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मार्च या अप्रैल के बीच और दूसरा कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी यानी नरक चतुर्दशी यानी सितंबर-अक्टूबर के बीच मनाई जाती है। भक्त अपनी स्थानीय मान्यताओं और कैलेंडर के आधार पर वर्ष के अलग-अलग समय में हनुमान जयंती मनाते हैं।
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पूजा और व्रत में क्यों नहीं किया जाता प्याज और लहसुन का इस्तेमाल?
हमारे हिंदू धर्म में कई मान्यताएं प्रचलित हैं, जिनका हम पालन भी करते हैं। शास्त्रों के अनुसार खासतौर पर प्याज और लहसुन भगवान को चढ़ाने की मनाही है। यह जानते हुए भी कि प्याज-लहसुन गुणों की खान है, लेकिन इसके बाद भी व्रत में बनने वाले किसी भी तरह के खाने में प्याज-लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
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चैत्र नवरात्रि 2023 व्रत के आहार और लाभ
नवरात्रि का पवित्र पर्व मां दुर्गा को समर्पित है। यह हिन्दू धर्म का बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। चैत्र नवरात्रि 2023, 22 मार्च से शुरू हो रहा है और 30 मार्च तक चलेगा। अगर आप नवरात्रि में पूरे 9 दिनों का उपवास करने की सोच रहे हैं, तो यहां कुछ स्नैक्स, फल और खाने की चीजें हैं जिनका सेवन आप नवरात्रि के दौरान कर सकते हैं। ये खाद्य पदार्थ आपके शरीर को आवश्यकता के अनुसार सही मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन प्रदान करते हैं।
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