भारत के बाहर प्रसिद्ध शिव मंदिर
भगवान शिव के कई रूप हैं और भारत के बाहर भी उनकी पूजा की जाती है। उन्हें भारत और नेपाल के लोगों द्वारा मुख्य देवता के रूप में पूजा जाता है, उन्हें हिंदू धर्म के एक महत्वपूर्ण पहलू के रूप में भी पूजा जाता है। भारत में शिव मंदिरों के अलावा भारत के बाहर भी कई शिव मंदिर हैं, जिन्हें देखकर आप हैरान रह जाएंगे।
Blogs
देवघर के आस-पास घूमने की सबसे अच्छी जगह
अगर आप देवघर जाने की योजना बना रहे हैं तो बाबा बैद्यनाथ के मुख्य मंदिर के अलावा आप देवघर में और भी बहुत कुछ देख सकते हैं। शिवगंगा | त्रिकूट पर्वत | नंदन पहाड़ी | सत्संग आश्रम | नौलखा मंदिर | तपोवन | रिखियापीठ आश्रम | हरिला जोरिक | श्रीनिवास आंगन | देवसंगा मठ
Blogs
कैसे पहुंचे इस्कॉन मायापुर और उपलब्ध सुविधाएं?
मायापुर इस्कॉन भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के मायापुर में स्थित दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। यह पश्चिम बंगाल के लोकप्रिय आध्यात्मिक स्थानों में से एक है और हुगली और जलांगी नदी के बीच स्थित है। यह "श्री चैतन्य महाप्रभु" नामक एक आध्यात्मिक व्यक्ति का धाम या निवास है।
Blogs
हिंदू धर्म में विभिन्न धागों का महत्व
हिंदू धर्म में बुराइयों से छुटकारा पाने के कई उपाय हैं। हिन्दू धर्म में पवित्र सूत्रों का बड़ा महत्व होता है। लोग इन पवित्र धागों को अपने शरीर के विभिन्न अंगों में धारण करते हैं सकारात्मक परिणामके लिए। पवित्र धागों में लाल, नारंगी, सफेद, काला और पीला जैसे विभिन्न रंग मौजूद होते हैं। सभी धागों के अपने विशिष्ट कारण होते हैं।
Blogs
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे के अलावा उसकी माला का भी बहुत महत्व है। सनातन धर्म में कहा जाता है कि तुलसी के पौधे में देवी लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु का भी वास होता है।
Blogs
ग्रीष्म संक्रांति तब होती है जब पृथ्वी का सूर्य की ओर झुकाव अधिकतम होता है। इसलिए, ग्रीष्म संक्रांति के दिन, सूर्य दोपहर की स्थिति के साथ अपनी उच्चतम ऊंचाई पर दिखाई देता है जो ग्रीष्म संक्रांति से पहले और बाद में कई दिनों तक बहुत कम बदलता है। 21 जून उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है, तकनीकी रूप से इस दिन को ग्रीष्म संक्रांति कहा जाता है। ग्रीष्म संक्रांति के दौरान उत्तरी गोलार्ध में एक विशिष्ट क्षेत्र द्वारा प्राप्त प्रकाश की मात्रा उस स्थान के अक्षांशीय स्थान पर निर्भर करती है।
Blogs
द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका: जगत मंदिर में प्रतिदिन पांच ध्वजारोहण होता है। भक्त ध्वजाजी के आध्यात्मिक रूप का सम्मान करते हैं और भक्ति, सम्मान, शुद्ध प्रेम और विश्वास के प्रतीक के रूप में उन्हें नमन करते हैं। इस ध्वज को लेकर भक्तों में इतनी श्रद्धा और भक्ति है कि कभी-कभी इसे चढ़ाने के लिए भक्तों को दो साल तक इंतजार करना पड़ता है।
Blogs
वैशाली, इंदिरापुरम एवं वसुंधरा क्षेत्र के प्रतिष्ठित पंडित जी से आप भक्ति-भारत के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं।
Blogs
हिन्दू धर्म में पूजा पाठ का विशेष महत्व है। पूजा के माध्यम से लोग भगवान के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करते हैं और परिणामस्वरूप उनकी मनोकामना पूरी होती है। लोग दिन के अनुसार प्रत्येक भगवान की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पूजा भगवान के प्रति समर्पण दिखाने के लिए की जाती है और इसके बाद आरती की रस्म होती है।
Blogs
यूनाइटेड किंगडम में रथ यात्रा समारोह
रथ-यात्रा उत्सव देश बिदेश में कई अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किए जाते हैं, जो उत्सव लंदन का सबसे बड़ा प्रसिद्ध सनातन उत्सव है। रथ-यात्रा, इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) द्वारा प्रायोजित सबसे बड़ा स्ट्रीट फेस्टिवल है।
Blogs
करोना क्वारंटाइन वैसे ही है, जैसे जगन्नाथ रथयात्रा मे अनासार
भक्ति भारत सरल तर्क द्वारा भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान अनासार को COVID-19 के स्व-क्वारंटाइन(self-quarantine) से लिंक करके देख रहा है।
Blogs
14 विद्या और 16 कला का क्या अर्थ है?
कला का अर्थ है संस्कृत में प्रदर्शन कला। चौसठ कला या चतुर्दशी कला के रूप में जानी जाने वाली 64 पारंपरिक कलाओं में से कई की महारत ने प्राचीन भारत के कई हिस्सों में एक सुसंस्कृत व्यक्ति के विकास में एक महत्वपूर्ण आधार बनाया।
Blogs
आम के पत्तों का तोरण बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
तोरण को बंदनवार भी कहा जाता है। मां लक्ष्मी के स्वागत व उन्हें प्रसन्न करने के लिए दरवाजे पर इसे लगाना शुभ माना जाता है। तोरण लगाने से घर की नाकारात्मक ऊर्जा दरवाजे से ही वापिस चली जाती है। तोरण कई तरह से बनाए जाते हैं। आम के पत्तों,धान की बालियों और गेंदे को फूलो से बना तोरण का अलग-अलग महत्व है।
Blogs
सेंगोल क्या है? क्या है इसके पीछे की कहानी?
भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को होने जा रहा है। इसी के मद्देनजर गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि नया संसद भवन भारत के इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, परंपरा और सभ्यता को आधुनिकता से जोड़ने का एक प्रयास है। इस दौरान एक ऐतिहासिक परंपरा को पुनर्जीवित किया जा रहा है यानी नए संसद भवन में सेंगोल को स्थापित किया जाएगा।
Blogs
मंदिर में दर्शन के कई नियम हैं और उनका पालन करना जरूरी है। साथ ही यह भी माना जाता है कि यदि आप किसी कारण से मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकते हैं, तो आपको बाहर से इसके शिखर के दर्शन अवश्य करने चाहिए।
Blogs