भक्तमाल | रवीन्द्र पुरी
अन्य नाम - श्रीमहंत रवीन्द्र पुरी
आराध्या - मनसा देवी
जन्म - 20 अप्रैल 1970
जन्म स्थान - उत्तर प्रदेश
वैवाहिक स्थिति - अविवाहित
शिक्षा-आचार्य सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय वाराणसी
भाषा - हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत
पिता - गुरु निरंजन देव
प्रसिद्ध - भक्त संत
अधाख्या: अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट
महंत रवींद्र पुरी जो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष हैं और हरिद्वार के मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने अपनी धार्मिक यात्रा पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी से जुड़कर शुरू की और 1994 में अखाड़े के सचिव बने।
उनके नेतृत्व में साधु-संतों ने सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में सहयोग करने का संकल्प लिया। वह अखाड़ा परिषद के सचिव पद पर भी रह चुके हैं। महंत रवींद्र पुरी ने महानिर्वाणी अखाड़े से संन्यास की दीक्षा ली और 1998 के कुंभ मेले के बाद अखाड़े की कार्यकारिणी में शामिल हो गए।
2007 में वह अखाड़े के सचिव बने और तब से उन्होंने संगठन की विभिन्न जिम्मेदारियां संभालीं। अपने सरल स्वभाव और नेतृत्व क्षमता के कारण वे अखाड़ों में एक प्रमुख संत के रूप में उभरे। विहिप के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बाल सेवक के रूप में महंत रवींद्र पुरी ने 1989-1990 में राम जन्मभूमि आंदोलन और 1992 में विवादित बाबरी ढांचे के विध्वंस में कई महंतों, संन्यासियों और कार सेवकों का समर्थन किया।
सरकार देश के चार प्रमुख कुंभ स्थलों-प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में संतों और अखाड़ों को कई सुविधाएं प्रदान करती है। इन व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से लागू करने और सरकार व संतों के बीच समन्वय बनाने में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष की भूमिका अहम होती है। इसके अलावा परिषद सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और उसकी रक्षा के लिए भी काम करती है।
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