भक्तमाल | श्री राजेश्वरानंद जी महाराज
असली नाम - राजेश रामायणी
अन्य नाम - स्वामी राजेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज
गुरु - पं. श्री अमरदान शर्मा
जन्म - 22 सितम्बर 1955
जन्म स्थान - उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में उरई के पास पचोखरा गाँव
वैवाहिक स्थिति - विवाहित
पिता - पं. श्री अमरदान शर्मा
माता - माता शांतिदेवी
पुत्र - महंत श्री गुरु प्रसाद शर्मा
बेटी - भक्ति प्रभा दीदी
भाषा - हिन्दी, संस्कृत
प्रसिद्ध - भक्ति गायक, आध्यात्मिक संत
परम पूज्य प्रसिद्ध रामकथा वाचक स्वामी राजेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज हिंदू धर्म की परंपरा में एक सम्मानित आध्यात्मिक नेता और प्रसिद्ध रामकथा वाचक थे। राजेश्वरानंद जी की रामकथाएँ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध थे। भले ही यह मधुर आवाज अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी कहानियां आज भी लोगों के जीवन में प्रेरणा का काम करती हैं। पूज्य
मुरारी बापू उन्हें अपने भाई के समान मानते थे।
कहा जाता है कि हनुमान जी उन पर इतने दयालु थे कि जब उन्होंने राम कथा सुनानी शुरू की तो पंडाल में राम कथा सुन रहे लोग उनकी कहानियों के दीवाने हो जाते थे। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी रामायणी जी की कहानी से काफी प्रभावित थे। रामायण की चौपाइयों और बड़े ग्रंथों के अर्थ और उनमें निहित कहानियों और प्रसंगों को सुनाने का उनका तरीका बहुत सरल था।
स्वामी राजेश्वरानंद की रामकथाएँ अक्सर आंतरिक शांति, नैतिक अखंडता और ईश्वर के प्रति समर्पण पर जोर देती हैं, जो उच्च आध्यात्मिक सिद्धांतों के अनुरूप जीवन जीने के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।
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