भक्तमाल: बाबा खेतानाथ
अन्य नाम - बाबा खेतानाथ महाराज, बाबा खेताना
गुरु - संत जयलाल नाथ
शिष्य -
महंत बालकनाथ योगी
आराध्य - शैव संप्रदाय, नाथ संप्रदाय
जन्म - कार्तिक सुदी अष्टमी (
गोपा अष्टमी) विक्रमी संवत् 1973 सन् 1916
जन्म स्थान - अहीरवाल क्षेत्र का सीहमा गांव, नारनौल जिला महेंद्रगढ़, राजस्थान, भारत
वैवाहिक स्थिति - अविवाहित
भाषा - हिन्दी, मारवाड़ी, संस्कृत
पिता - रामसिंह यादव
माता - मीना देवी
प्रसिद्ध - नाथ सम्प्रदाय के महन्त, स्वतंत्रता सेनानी
महान संत बाबा खेतानाथ अपना सम्पूर्ण जीवन समाज के उत्थान में लगा दिया। बाबा खेतानाथ ने आजीवन आध्यात्म और समाजोत्थान के कार्य किए। बाबा ने सामाजिक सुधार और जागरूकता का काम आजादी के आंदोलन से शुरू कर दिया।
आजादी के दिन 15 अगस्त 1947 को नारनौल चौक पर तिरंगा बाबा खेतानाथ ने ही फहराया था। आजादी के बाद भी आध्यात्मिक साधना और समाजोत्थान का काम अनवरत जारी रहा। हरियाणा और राजस्थान में विस्तृत अहीरवाल क्षेत्र महाराज की कर्मस्थली रहा।
बाबा खेतानाथ का शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में विशेष योगदान है। बाबा खेतानाथ ने अपने जीवन काल में अहीरवाल क्षेत्र में विद्यालय, कॉलेज, औषधालय, आश्रम, छात्रावास, प्याऊ, पोखर, मंदिर, कुएं और गोशालाओं का निर्माण कराया।
बाबा खेतानाथ भक्तियोग, ज्ञानयोग और कर्मयोग की त्रिवेणी थे। अहीरवाल क्षेत्र की जनता की मांग पर बाबा ने राजनीतिक भूमिका भी अदा की।
अंतिम दिनों में बाबा मस्तनाथ आश्रम, जोशीहोड़ा, नीमराणा, जिला-अलवर (राज.) में रहे और 28 दिसम्बर 1990 को ब्रह्मलीन हो गए। अगर आपको यह भक्तमाल पसंद है, तो कृपया
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