भक्तमाल: हनुमान प्रसाद पोद्दार
असली नाम - हनुमान प्रसाद पोद्दार
अन्य नाम - भाई जी या प्यारा भाई
जन्म: 17 सितंबर 1892
जन्म स्थान - रतनगढ़, राजस्थान
निधन: 1971, गोरखपुर, भारत
वैवाहिक स्थिति: विवाहित
भाषा - हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत
पिता - श्री भीमराज
माता - श्रीमती रिखीबाई
प्रसिद्ध कार्य -
गीता प्रेस संस्थापक एवं संपादक एवं रणनीतिकार, आध्यात्मिक पत्रिका "कल्याण"
प्रसिद्ध पुस्तकें: घूंघट से परे देखो, दिव्यता का मार्ग, शाश्वत खुशी कैसे प्राप्त करें, श्रीकृष्ण के प्रति गोपियों का प्रेम, भगवान की ओर मुड़ें
हनुमान प्रसाद पोद्दार एक हिंदी लेखक, पत्रकार और समाज सुधारक थे। उन्हें हिंदू संतों की जीवनियों के संग्रह भक्तमाल पर उनके काम के लिए जाना जाता है। उन्होंने हिंदू धर्म पर
रामायण और
महाभारत सहित कई अन्य पुस्तकें भी लिखीं।
पोद्दार हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अग्रणी थे। उन्हें साहित्यिक भाषा के रूप में हिंदी के प्रयोग को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है। वे सामाजिक सुधार के भी प्रबल समर्थक थे। उन्होंने महिलाओं और गरीबों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम किया। वह एक कट्टर राष्ट्रवादी भी थे। उन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन का विरोध किया।
उन्होंने धर्म, इतिहास और दर्शन सहित विभिन्न विषयों पर 100 से अधिक पुस्तकें लिखीं। वह एक प्रतिभाशाली वक्ता भी थे। उन्होंने सामाजिक एवं धार्मिक सुधार पर अनेक भाषण दिये। पोद्दार हिंदी साहित्य और संस्कृति के इतिहास में एक महान व्यक्तित्व थे। उनका काम दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करता रहता है।
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