भक्तमाल | गुरु हरगोबिंद
असली नाम - हरगोबिंद
अन्य नाम - श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी
गुरु -
गुरु अर्जन देव जी
जन्म - 19 जून 1595
जन्म स्थान - अमृतसर
निधन - 19 मार्च 1644, कीरतपुर साहिब
वैवाहिक स्थिति: विवाहित
भाषा - पंजाबी, हिंदी
पिता - गुरु अर्जन देव जी
माता - माता गंगा
पत्नी - माता नानकी
दादा-दादी: गुरु राम दास, माता भानी
पोते:
गुरु गोबिंद सिंह, गुरु हर राय
संस्थापक - अकाल सेना के संस्थापक, कीरतपुर साहिब और हरगोबिंदपुर के संस्थापक
प्रसिद्ध - छठे सिख गुरु
गुरु हरगोबिंद दस सिख गुरुओं में से छठे सिख गुरु थे। वह अपने पिता गुरु अर्जन देव की मृत्यु के बाद 1606 में सिख गुरु बने। गुरु हरगोबिंद जी एक महान योद्धा और शक्तिशाली नेता थे।
उन्होंने सिख सत्ता की सर्वोच्च सीट अकाल तख्त का निर्माण किया और सिख योद्धा समुदाय खालसा की स्थापना की। गुरु हरगोबिंद जी धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के प्रबल समर्थक थे।
उन्होंने मुगल साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जो सिख धर्म को दबाने की कोशिश कर रहा था। गुरु हरगोबिंद एक बुद्धिमान और दयालु नेता थे। उन्हें सिख इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक के रूप में याद किया जाता है।
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