तोरी बगिया में आम की डाल,
कोयल बोले कुहू कुहू ॥
बगिया में माई आसन लागो,
आसन बैठो आन,
कोयल बोले कुहू कुहू ॥
बाग़ में तोरी झूला डरो है,
झूला झूलो आन,
कोयल बोले कुहू कुहू ॥
बाग में भोजन थाल लगी है,
जीमो जीमो आन,
कोयल बोले कुहू कुहू ॥
बाग में तोरी दुखिया बैठे,
विनती सुनलो आन,
कोयल बोले कुहू कुहू ॥
‘राजेंद’ भेंट लये ठाड़े हैं,
भेंट लो जल्दी आन,
कोयल बोले कुहू कुहू ॥
तोरी बगिया में आम की डाल,
कोयल बोले कुहू कुहू ॥
दुर्गा चालीसा |
आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी |
आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली |
महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् |
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