थारे मन में सीताराम,
म्हारे मन में थारो डेरो ॥
दोहा – लाग लपेट से हेट करूँ मैं,
सीधी बात बताऊँ,
सौ परसेंट भगत मैं थारो,
खड़ताल बजा के गाऊं ॥
थारे मन में सीताराम,
म्हारे मन में थारो डेरो,
इब मेरो दुनिया से के काम,
सिग्नल जुड़ गयो थारो मेरो,
थारे मन मे सीताराम,
म्हारे मन में थारो डेरो ॥
सालासर में घर बनवा दे,
ओ सालासर वाले,
नौकर तेरा कहन लगे,
इब मने मेरे घर वाले,
थारे मंदिर में हो शाम,
जागे मेरो यही सवेरो,
थारे मन मे सीताराम,
म्हारे मन में थारो डेरो ॥
बालाजी महाराज मैं थारे,
पाछे पाछे डोलूं,
कदी हंसु देख देख थने,
कदी प्रेम में रोलूं,
पागल पड़ गया म्हारा नाम,
बाबा है की नि तने बेरो,
थारे मन मे सीताराम,
म्हारे मन में थारो डेरो ॥
साल कई हो लिए रे बाबा,
सालासर में आते,
इब तो खुलगे होंगे तेरे,
बैंक में मेरे खाते,
दे मने भक्ति का इनाम,
बाकी तेरो दियो भतेरो,
थारे मन मे सीताराम,
म्हारे मन में थारो डेरो ॥
थारे मन में सीता राम,
म्हारे मन में थारो डेरो,
इब मेरो दुनिया से के काम,
सिग्नल जुड़ गयो थारो मेरो,
थारे मन मे सीताराम,
म्हारे मन में थारो डेरो ॥
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया
शेयर,
लाइक या
कॉमेंट जरूर करें!
भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें

* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।