कान्हा रोज रोज तुमको सजाता रहूँ और मनाता रहूँ, पर भजन में कभी कुछ कमी हो नहीं ।
आज बिरज में होरी रे रसिया। होरी रे होरी रे बरजोरी रे रसिया॥
होली खेल रहे नंदलाल वृंदावन कुञ्ज गलिन में। वृंदावन कुञ्ज गलिन में...
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद किशोर । घेर लई सब गली रंगीली, छाय रही छबि छटा छबीली..
रंग बरसे लाल गुलाल, हो गुलाल, वृषभानलली के मन्दिर में, सब हो गए लालों लाल, राधा रानी के मन्दिर में ॥
हेरी सखी मंगल गावो री, धरती अम्बर सजाओ री, चोख पुरावो, माटी रंगावो, आज मेरे पिया घर आवेंगे..
धूम मचाने आ जइयो आई होली सावरिया, होली सावरिया आई होली सावरिया, खेले सावरिया होली खेले सावरिया, आके रंग जमा जइयो आई होली सावरिया ॥