जयति तेऽधिकं जन्मना व्रजः श्रयत इन्दिरा शश्वदत्र हि । दयित दृश्यतां दिक्षु तावका स्त्वयि धृतासवस्त्वां विचिन्वते ॥
देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ। अब तो कृपा कर दीजिए, जनम जनम का साथ।
मेरा दिल तो दीवाना हो गया,
मुरली वाले तेरा,..
भरदे रे श्याम झोली भरदे, भरदे, ना बहला ओ बातों में, ना बहला ओ, बातों में...
दर्श करा दे मेरे सांवरे, म्हारे नैना हुए बावरे, थारा कुछ भी ना लगे, थारे बिन जी ना लगे, दर्श करा दे मेरे साँवरे, म्हारे नैना हुए बावरे ॥
सावन में श्याम बिहारी, झूलेंगे कृष्ण मुरारी, झूला झूलन की देखो, आई है रुत ये प्यारी, चंदन चौकी बनवाई,
रेशम की डोर लगाई, भक्तों ने मिल के करली, सारी तैयारी, सावन मे श्याम बिहारी, झूलेंगे कृष्ण मुरारी ॥
जो गुरु का हो वचन, वही राह चलेंगे।