श्याम प्यारे की है सरकार,
हमें डर काहे को,
काहे को डर काहे को,
नीले वाले की है सरकार,
हमें डर काहे को ॥
धन दौलत और माल खज़ाना,
मुझको श्याम ना चाहिए,
इस जीवन की एक ही इच्छा,
घर मेरे भी आइये,
अपनों श्याम धणी है सरकार,
हमें डर काहे को,
नीले वाले की है सरकार,
हमें डर काहे को ॥
जो भी सेवा बनी है हमसे,
उसको तुम स्वीकार करो,
दास तेरे दरबार खड़े हैम ,
सर पे दया का हाथ धरो,
बाबा सब पर लुटावे अपनों प्यार,
हमें डर काहे को
नीले वाले की है सरकार,
हमें डर काहे को ॥
सेठों का तू सेठ कहाये,
लखदातार कहता है,
द्वार पे जो भी रोता आये,
हँसता हँसता जाता है,
पल में दुखियों की सुनले पुकार,
हमें डर काहे को,
नीले वाले की है सरकार,
हमें डर काहे को ॥
जिसको मिली है श्याम चाकरी,
वही तो किस्मत वाला है,
पल में कष्ट मिटाये सबके,
यही वो खाटू वाला है,
‘राज’ कहता है बारम्बार,
हमें डर काहे को,
नीले वाले की है सरकार,
हमें डर काहे को ॥
श्याम प्यारे की है सरकार,
हमें डर काहे को,
काहे को डर काहे को,
नीले वाले की है सरकार,
हमें डर काहे को ॥
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