शुक्राना तेरा
हर पल दा, ओ दातिया, शुक्राना तेरा ll
जो भी, मेरे पास है वोह ll नज़राना तेरा
हर पल दा, ओ दातिया ll
मुझ पे, हर पल, तेरी इतनी, किरपा होई ll
देख के, तेरी किरपा मेरी, आँखे रोई ll
तूँ जाने, देने का क्या है ll बहाना तेरा
हर पल दा, ओ दातिया ll
यह, अहसास है, मुझको यही, दिल ने माना ll
तेरी, किरपा बड़ी, दाता मेरा, छोटा शुक्राना ll
तूँ मुस्काए, तो होता है ll मुस्काना मेरा
हर पल दा, ओ दातिया ll
तेरी किरपा, की छाया हो, ज्ञान के सर पे ll
कहे, पुनीत मैं बैठा रहूँ, बस तेरे दर पे ll
शायद तुझको, भा गया है* ll झुक जाना मेरा
हर पल दा, ओ दातिया ll