पूजन गौरी चली सिया प्यारी, संग सखिन के जनक नंदिनी, चली मुदित मनहारी..
राम को देख कर के जनक नंदिनी, बाग में वो खड़ी की खड़ी रह गयी। यज्ञ रक्षा में जा कर के मुनिवर के संग...
दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी, इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन..
राम को देख कर के जनक नंदिनी, बाग में वो खड़ी की खड़ी रह गयी। थे जनक पुर गये देखने के लिए...
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी, केकरा के राम बबुआ केकरा के लछुमन, केकरा के भरत भुवाल ए सखी..
साँची ज्योतो वाली माता, तेरी जय जय कार। तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये।
नवरात्रि भजन, आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा। दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ।।