शिव पूजा में मन लीन रहे,
मेरा मस्तक हो और द्वार तेरा ।
मिट जाए जन्मों की तृष्णा,
मिले भोले शंकर प्यार तेरा ।
तुझ में खोकर जीना है मुझे,
मैं बूंद हूँ तू एक सागर है । ..x2
तुझ बिन जीवन का अर्थ है क्या,
मैं तारा हूँ तू अम्बर है ।
तूने मुझ को स्वीकार किया,
क्या कम है यह उपकार तेरा।
॥ शिव पूजा में मन लीन रहे...॥
यूं मुझको तेरा प्यार मिला,
बेजान को जैसे जान मिली । ..x2
जिस दिन से तुझको जाना है,
मुझको अपनी पहचान मिली ।
दे दी तूने चरणों में जगह,
आभारी हूं सौ बार तेरा ।
॥ शिव पूजा में मन लीन रहे...॥
शिव पूजा में मन लीन रहे,
मेरा मस्तक हो और द्वार तेरा,
मिट जाए जन्मों की तृष्णा,
मिले भोले शंकर प्यार तेरा ।