सांवेर की धरती
सांवेर की धरती हनुमत साजे, चले है इनकी मर्जी
सांवेर की धरती
पाताल में जाकर जब बजरंग, अहिरावन राज मिटाते है
दिल बाग़ बाग़ हो जाता है, जब राम हृदय मुस्काते है
सुन के पतन की आवाजे, सुन के पतन की आवाजे,
यु लगे कही विध्वंस जगे
अरे राम लखन संग आते ही, सेना के मन संग हर्ष जगे ॥
बजरंग बाबा की यह प्रतिमा, यहाँ उल्टा दर्शन देती है
गम कोसो दूर हो जाता है. कष्ट और पीड़ा हर लेती है, ओ....
सुन जयसियाराम के नारों से, सुन जयसियाराम के नारों से
नगर, गगन, पूरा जगे
सांवेर नगर की यह भूमि, इंदौर उज्जैन के मध्य बसे
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