मारुतिनंदन हे दुःखभजन जग में बड़ा तेरा नाम,
सांवेर के उल्टे हनुमान कर दो मेरे भी सीधे काम,
राम राम सियाराम, राम राम सियाराम ॥
रहते हो सांवेर में ही और मुझसे अंजान,
कब दया मुझपे करोगे बाबा दया निधान,
अर्जी तुमसे रोज लगाऊं आकर तेरे धाम,
सांवेर के उल्टे हनुमान कर दो मेरे भी सीधे काम ।
तेरे बिन जीवन के सफर को कैसे करूं मैं पार,
हाथ पकड़ के पार लगा दो सांवेर के सरकार,
तेरी शरण में बाबा मुझको मिल जाए आराम,
सांवेर के उल्टे हनुमान कर दो मेरे भी सीधे काम ।
अला बलाएं उसे जहां की क्या करे परेशान,
इस दुनिया में जिसकी रक्षा खुद करे हनुमान,
मेरे भी सर पर हाथ रख दो जपूं मैं सीताराम,
सांवेर के उल्टे हनुमान कर दो मेरे भी सीधे काम ।
मारुतिनंदन हे दुःखभजन जग में बड़ा तेरा नाम,
सांवेर के उल्टे हनुमान कर दो मेरे भी सीधे काम,
राम राम सियाराम, राम राम सियाराम ॥