आज अवध में खुशिया छाई,
जन्मे हैं देखो रघुराई ,
आज अवध में खुशिया छाई,
जन्मे हैं देखो रघुराई ,
राम, लखन, भरत, शत्रुधन ,
जन्मे हैं देखो चार भाई,
कौशल्या, सुमित्रा, केकई,
दशरथ जी को बहुत बधाई,
आज अवध में खुशिया छाई,
जन्मे हैं देखो रघुराई ,
ब्रह्मा जी आए, भोले जी आए,
संग में माता गौरा आई,
बज रहे हैं ढोल और ताशे,
बज रही मंगल शहनाई,
आज अवध में खुशिया छाई,
जन्मे हैं देखो रघुराई ,
खिल उठी हैं सारी कलिया,
पेड़ो पर हरियाली छाई,
सज गया सरयू का किनारा,
माता सरयू भी हर्षाई,
आज अवध में खुशिया छाई,
जन्मे हैं देखो रघुराई ,
सूरज भी भुल गए हैं ढलना,
देख के मेरे राम का पलना,
पलने में सोए रघुराई,
कौशल्या जी ने लोरी गाई,
आज अवध में खुशिया छाई,
जन्मे हैं देखो रघुराई
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