नंद के भवनवा से आइले दुई ललनवा
चल देखि आई
नयन भरिके नयन भरिके
नयन भरी भरी के हो
चल देखि आई
छोटे छोटे हथवा मे साजे मुरलिया,
सुंदर सो मोरपंख बाजे पायलिया,
ठुमक-ठुमक चलत देख
आईले दुई रतनवा।
चल देखि आई
गैया चरावे और मुरली बजावे,
मुट्ठी भर भर यो तो माखन भी खावे,
अरे देखी- देखी सबही के तृप्त होला मनवा,
चल देखि आई
वरणी न जाय छवी यशोदा लला की,
चंद्रमा निहारे रूप राधाप्रिया की,
निहरत युगल के, भर आये कुल नयनवा
चल देखि आई
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया
शेयर,
लाइक या
कॉमेंट जरूर करें!
भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें

* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।