नंदभवन में उड़ रही धूल,
धूल मोहे प्यारी लगे ॥
उड़ उड़ धूल मेरे माथे पे आवे,
उड़ उड़ धूल मेरे माथे पे आवे,
मैंने तिलक लगाए भरपूर,
धूल मोहे प्यारी लगे,
नँदभवन में उड़ रही धूल,
धूल मोहे प्यारी लगे ॥
उड़ उड़ धूल मेरे नैनन पे आवे,
उड़ उड़ धूल मेरे नैनन पे आवे,
मैंने दर्शन करे भरपूर,
धूल मोहे प्यारी लगे,
नँदभवन में उड़ रही धूल,
धूल मोहे प्यारी लगे ॥
उड़ उड़ धूल मेरे होठों पे आवे,
उड़ उड़ धूल मेरे होठों पे आवे,
मैंने भजन गाए भरपूर,
धूल मोहे प्यारी लगे,
नँदभवन में उड़ रही धूल,
धूल मोहे प्यारी लगे ॥
उड़ उड़ धूल मेरे हाथन पे आवे,
उड़ उड़ धूल मेरे हाथन पे आवे,
मैंने ताली बजाई भरपूर,
धूल मोहे प्यारी लगे,
नँदभवन में उड़ रही धूल,
धूल मोहे प्यारी लगे ॥
तीन लोक तीरथ नहीं,
जैसी ब्रज की धूल,
लिपटी देखी अंग सो,
भाग जाए यमदूत ।
मुक्ति कहे गोपाल सो,
मेरी मुक्ति बताए,
ब्रजरज उड़ माथे लगे,
मुक्ति भी मुक्त हो जाए ॥
उड़ उड़ धूल मेरे पैरन पे आवे,
उड़ उड़ धूल मेरे पैरन पे आवे,
मैंने परिक्रमा लगाई भरपूर,
धूल मोहे प्यारी लगे,
नँदभवन में उड़ रही धूल,
धूल मोहे प्यारी लगे ॥
नंदभवन में उड़ रही धूल,
धूल मोहे प्यारी लगे ॥
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया
शेयर,
लाइक या
कॉमेंट जरूर करें!
भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।