तन के प्रेमी मन के प्रेम को,
कहां कभी पहचानेंगे,
मन में जिनके पाप भरा वो,
प्रेम भला क्या जानेंगे,
मीरा जैसा भजन करे और,
गोपियों सा प्यार,
नैन मिले जो गिरधर से,
हो जाता है उद्धार,
मन मंदिर में भजन तुम्हारा,
होता बारम्बार,
नैन मिलें जो गिरधर से,
हो जाता है उद्धार।
रूप रंग और बनकर सुंदर,
उनके धाम को जाते है,
धन दौलत और यश दान से,
सांवरे को रिझाते है,
जो पावन मन से हरि जपे तो,
हृदय का हो श्रृंगार,
नैन मिलें जो गिरधर से,
हो जाता है उद्धार।
श्याम तेरा जब नाम भी ले तो,
नैन स्वतः भर आते है,
शरण में तुम्हरी जो आए,
उसके संकट मिट जाते है,
जिस पे कृपा हो तेरी,
उसका हो जाए बेड़ा पार,
नैन मिलें जो गिरधर से,
हो जाता है उद्धार।
तन के प्रेमी मन के प्रेम को,
कहां कभी पहचानेंगे,
मन में जिनके पाप भरा वो,
प्रेम भला क्या जानेंगे,
मीरा जैसा भजन करे और,
गोपियों सा प्यार,
नैन मिले जो गिरधर से,
हो जाता है उद्धार,
मन मंदिर में भजन तुम्हारा,
होता बारम्बार,
नैन मिलें जो गिरधर से,
हो जाता है उद्धार।
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