मेरे राम इतनी किरपा करना,
बीते जीवन तेरे चरणों में ॥
मेरे राम मेरे घर आ जाना,
शबरी के बेर तुम खा जाना,
मुझे दर्शन अपने दिखा जाना,
मुझे मुक्ति मिले अपने कर्मो से,
मेरे राम इतनी कीरपा करना,
बीते जीवन तेरे चरणों में ॥
जब जनम लूँ मैं तेरी दासी बनु,
तेरी सेवा करूँ सन्यासी बनु,
हर जनम में मैं तेरी पूजा करूँ,
ना करना विमुख मेरे धर्मो से,
मेरे राम इतनी कीरपा करना,
बीते जीवन तेरे चरणों में ॥
बस इतनी हमपे दया करना,
नाम तेरा भजे मेरा मनवा,
नहीं दूर कभी हो तेरी सूरत,
प्रभु आन बसों मेरे नयनो में,
मेरे राम इतनी कीरपा करना,
बीते जीवन तेरे चरणों में ॥
भटके जब जीवन की नैया,
प्रभु पार लगाना बनके खिवैया,
जब दिखे ना कही मुझे उजियारा,
ले लेना अपने चरणों में,
मेरे राम इतनी कीरपा करना,
बीते जीवन तेरे चरणों में॥
मेरे राम इतनी किरपा करना,
बीते जीवन तेरे चरणों में ॥