इससे बढ़ के कोई शय भी,
कोमल नहीं,
माँ के दिल जैसा,
दुनिया में कोई दिल नहीं,
माँ का दिल, माँ का दिल,
माँ का दिल, माँ का दिल ॥
माँ के भक्तजनों थाम के दिल सुनों,
माँ के दिल की कहानी सुनाता हूँ मैं,
पीड़ा दुःख से घिरी आसुओं से भरी,
सच्ची ममता के दर्शन करता हूँ मैं,
सच्ची ममता के दर्शन करता हूँ मैं,
दुखिया एक नारी थी भाग्य की मारी थी,
सुखदेवी था नाम पर सुख ना मिला,
उसके सिन्दूर को बिंदिया के नूर को,
हाय ज़ालिम मुक़दार ने छीन था लिया,
एक नूरे-नज़र प्यार लख्ते जिगर,
उसकी ममता की छाँव में पलता रहा,
माँ की ऊँगली पकड़ चलके इधर उधर,
कभी गिरता कभी वो संभलता रहा,
माँ को रहता था डर कोई लगे ना नज़र,
काला गाल पे टीका लगाती थी वो,
हो के बस प्यार के मिर्चो को वार के,
जलते चूल्हे मे निसदिन गिराती थी वो,
उसे आँखों से करती वो ओझल नहीं,
उसे आँखों से करती वो ओझल नहीं,
मां के दिल जैसा,
दुनिया में कोई दिल नहीं,
माँ का दिल, माँ का दिल,
माँ का दिल, माँ का दिल ॥
कपड़े सी सी के वो आंसू पी पी के वो,
अपने बेटे पे खुशियाँ लूटाती रही,
अबला की बेबसी करके फाकाकशी,
भूखी खुद रह के उसको खिलाती रही,
दिन गुज़रते रहे रो रो कटते रहे,
कभी बच्चे को गम ना था करने दिया,
चाहे लाचार थी दुःख से दो चार थी,
साया दुखो का उसपे ना पड़ने दिया,
मन में था हौसला कल को हो के बड़ा,
मेरे कदमो में खुशियां बीछा देगा ये,
अच्छे दिन आएंगे दूर गम जाएंगे,
मेरे कांटो को कलियाँ बना देगा ये,
अम्बे मैया के दर उसका करने शुकर,
साथ बेटे के एक दिन जाउंगी मैं,
घर में आए बहु परियों सी हूबहू,
मांग मन्नत भवानी से आऊंगी मैं,
दूर मुझसे मेरी अब तो मंज़िल नहीं,
दूर मुझसे मेरी अब तो मंज़िल नहीं
मां के दिल जैसा,
दुनिया में कोई दिल नहीं,
माँ का दिल, माँ का दिल,
माँ का दिल, माँ का दिल ॥
दे के ममता दुलार चाव कर बेशुमार,
रोज़ सपने ही सपने संजोती रही,
कभी मुँह चुमती उस को ले झूमती,
चाहे परदे में निशदिन ही रोती रही,
तारा आँखों का वो माँ का प्यारा था जो,
वक्त के साथ एक दिन बड़ा हो गया,
माँ के बलिदान की कोई कदर ना रही,
बुरी संगत की दलदल में वो खो गया,
एैबो से घिर गया इस कदर गिर गया,
गालियाँ तक था माँ को सुनाने लगा,
मेहनतो का जो धन एक चंडाल बन,
बेहयाई से वो था लुटाने लगा,
मैया रोती रही आहे भरी रही,
हाय सोचा था क्या और क्या हो गया,
सपना टुटा है क्यों भाग्य फुटा है क्यों,
क्यों भलाइयों का बदला बुरा हो गया,
चाह जो था हुआ उस को हासिल नही
मां के दिल जैसा,
दुनिया में कोई दिल नहीं,
माँ का दिल, माँ का दिल,
माँ का दिल, माँ का दिल ॥
वो दुराचारी बन हो गया बदचलन,
फंस गया गलत लड़की के प्रेम जाल में,
जितना चिल्लाती माँ उसको समझती माँ,
उतना ज्यादा वो डूब था जंजाल में,
रोज लड़की से मिल उसका कहता था दिल,
तुझ से शादी रचाने को जी चाहता,
तुझे दुल्हन बना डोली में बिठा,
घर अपने ले जाने को जी चाहता,
तेरे सर की कसम मेरे प्यारे सनम,
तेरे बिन अब तो मुझ से जिया जाए ना,
तुम को जो करूँ तुझपे जा वार दूँ,
पर जुदाई का विष ये पिया जाये ना
लड़की ने कहा गर मुझसे वफ़ा,
दिल अपनी तू माँ के मुझे ला के दे,
जो तू इतना करे मेरा वादा है ये,
तो मई जाउंगी शान से घर में तेरे,
बड़ा आसान है काम मुश्किल नहीं
मां के दिल जैसा,
दुनिया में कोई दिल नहीं,
माँ का दिल, माँ का दिल,
माँ का दिल, माँ का दिल ॥
अँधा हो प्यार में झूठे ऐतबार में,
हाय लेके छुरी अपने घर आ गया,
माँ को कुछ ना पता होने वाला है क्या,
बेटा ढाने को क्या है कहर आ गया,
माँ ने रोज़ की तरह खाना लाके दिया,
और सौ सौ दुआए भी देने लगी,
लाल समझो मेरे सदके जाऊं तेरे,
सच्ची ममता बलाएं थी लेने लगी,
बता शैतान था हुआ हैवान था,
झूठी उल्फत माँ की खुशी जल गयी,
जन्म जिसने दिया दूध जिसका पिया,
उसके दिल पे ही उसकी छुरी चल गयी,
खून माँ का पियो बेटा जुग जुग जियो,
तेरी हरकत से माता का मन खिल गया,
मरते मरते यही माँ ने आवाज दी,
मेरी ममता का मुझको सीला मिल गया,
अपने कातिल को समझे जो कातिल नहीं
मां के दिल जैसा,
दुनिया में कोई दिल नहीं,
माँ का दिल, माँ का दिल,
माँ का दिल, माँ का दिल ॥
बेहया बेरहम करके ऐसा करम,
भागा लड़की के घर था चला जा रहा,
जो था वादा किया वो निभा है दिया,
अपनी मक्कारी पर था वो इतरा रहा,
चलते चलते तभी उसको ठोकर लगी,
और धरती पे मुँह के वो बल गिर गया,
हाथो से फिसल गया माँ का वो दिल,
इतना माँ की दुआओ का फल गिर गया,
बोला माता का दिल मेरे लाल संभल,
कोई तेरी वफ़ा में खोंट तो नहीं,
तेरा होए रे भला मुझे सच सच बता
कही तुझ को लगी कोई चोंट तो नहीं,
मेरे दिल को उठा दिल को दिल से लगा,
इस दिल में बड़ा प्यार तेरे लिए,
दिल हरदम मेरा देता दिल से दुआ,
दिल ये कुर्बान सौ बार तेरे लिए,
माँ रहम दिल है तुझ जैसी संगदिल नहीं,
मां के दिल जैसा,
दुनिया में कोई दिल नहीं,
माँ का दिल, माँ का दिल,
माँ का दिल, माँ का दिल ॥
लेके थोड़ा सा दम बेअकल बेशरम,
दिल माँ का उठा के चला वो गया,
खूंखार वो पशु डाल माँ का लहू,
करना रौशन वो चाहे वफ़ा का दिया,
प्रेमिका के वो घर फक्र से पहुंचकर,
बोला माँ का मैं दिल ये लाया मेरी जान,
इस जहाँ में कही कोई मुझसा नहीं,
मैंने कर लिया पास ये इम्तेहान,
पागलपन देखकर बोली वो चीखकर,
अरे वहशी दरिंदे ये क्या कर दिया,
धरती फट जाएगी प्रलय आ जाएगी,
तूने ममता को जग में तबाह कर दिया
तेरे जैसे अगर हुए और भी बशर,
माँ बेटो को देगी जनम ना कभी,
रोना आता मुझे लाख लानत तुझे,
मेरे घर से ओ जालिम निकल जा अभी,
तू मेरे प्यार के अब तो काबिल नहीं
मां के दिल जैसा,
दुनिया में कोई दिल नहीं,
माँ का दिल, माँ का दिल,
माँ का दिल, माँ का दिल ॥
उसकी फटकार से लानतों की मार से,
सर पिट के कलंकी वो रोने लगा,
मैंने क्या कर दिया खून माँ का किया,
अपने किये पे शर्मसार होने लगा,
माँ का दिल देखकर माथे को टेककर,
बोला हे जननी मैया मुझे माफ़ कर,
मैं हूँ पापी बड़ा सर झुकाए खड़ा,
हो सके तो ये चोला मेरा साफ़ कर,
अब मैं जाऊं कहाँ मुँह छुपाऊ कहाँ,
मैंने खुद को गुनाहों में गर्क कर लिया,
तू तो निर्दोष माँ तुझसा कोई कहाँ,
मैंने जीवन ये अपना नरक कर लिया,
जो किया सोच कर बालो को नोच कर,
वो जमी पे था सर को पटकने लगा,
लोग धिक्कारते पत्थर भी मारते,
वो पागल हो दर दर भटकने लगा,
सभी कहते ये माफ़ी के काबिल नहीं
माँ के दिल जैसा,
दुनिया में कोई दिल नहीं,
माँ का दिल, माँ का दिल,
माँ का दिल, माँ का दिल ॥
बेड़ियो में जकड़ पुलिस ले गयी पकड़,
मौत सामने खड़ी देख वो डर गया,
खौफ इतना बढ़ जो वो सह ना सका,
पागल खाने में रो रो के वो मर गया,
माँ के भक्तो सुनो इससे कुछ सबक लो,
दिल भूले से माँ का दुखाना नहीं,
ये समझ लो सभी माँ ने आह जो भरी,
लोक परलोक कही भी ठिकाना नहीं,
अम्बे माँ के भवन पीछे रखना कदम,
पहले घर बैठी माँ के चरण चुम लो,
उसकी आशीष ले ममता चुनरी तले,
सच्ची जन्नत के करके दरश झूम लो,
घर में भूखी है माँ बहार लंगर लगा,
ऐसे इंसा कभी बक्शे जाते नहीं,
माँ को पीड़ा से भर जा के दाती के दर,
शेरोवाली का वो प्यार पाते नहीं,
माँ सा निर्दोष गुरु कोई कामिल नहीं,
माँ के दिल जैसा,
दुनिया में कोई दिल नहीं,
माँ का दिल, माँ का दिल,
माँ का दिल, माँ का दिल ॥
इससे बढ़ के कोई शय भी,
कोमल नहीं,
माँ के दिल जैसा,
दुनिया में कोई दिल नहीं,
माँ का दिल, माँ का दिल,
माँ का दिल, माँ का दिल ॥
दुर्गा चालीसा |
आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी |
आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली |
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