कैसे भूलूंगा मैया मैं तेरा उपकार,
ऋणी रहेगा तेरा,
ऋणी रहेगा तेरा हरदम मेरा परिवार,
कैसे भूलूँगा मैया मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा मैया मैं तेरा उपकार ॥
घूम रही आँखों के आगे,
बीते कल की तस्वीरें,
नाकामी और मायूसी,
संगी साथी थे मेरे,
दर दर भटक रहा था,
दर दर भटक रहा था,
मैं बेबस और लाचार,
कैसे भूलूँगा मैया मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा मैया मैं तेरा उपकार ॥
कभी कभी तो सोचूं कैसे,
खेता टूटी नैया को,
अगर नहीं बनती तुम मैया,
आकर मेरी खिवैया तो,
डूब ही जाती मेरी,
माँ डूब ही जाती मेरी,
ये नैया तो मजधार,
कैसे भूलूँगा मैया मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा मैया मैं तेरा उपकार ॥
बोझ तेरे अहसानो का,
‘सोनू’ पर इतना ज्यादा है,
कम करने की कोशिश में ये,
और भी बढ़ता जाता है,
माँ उतर ना पाए कर्जा,
कभी उतर ना पाए कर्जा,
चाहे लूँ जन्म हजार,
कैसे भूलूँगा दादी मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा दादी मैं तेरा उपकार ॥
कैसे भूलूंगा मैया मैं तेरा उपकार,
ऋणी रहेगा तेरा,
ऋणी रहेगा तेरा हरदम मेरा परिवार,
कैसे भूलूँगा मैया मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा मैया मैं तेरा उपकार ॥
दुर्गा चालीसा |
आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी |
आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली |
महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् |
माता के भजनअगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया
शेयर,
लाइक या
कॉमेंट जरूर करें!
भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।