लाल लंगोटा हाथ में सोटा, जिनका का रूप निराला, अंजनी का लाल, मेरा बजरंग बाला| पंडित सुधीर व्यास भजन
ये चमक ये दमक, फूलवन मा महक, सब कुछ सरकार तुम्हई से है, इठला के पवन, चूमे सैया के चरण..
आ नचियां दरबार, ते संगतां आ नचियां ॥ खुशियां दे विच, झूहमण सारे, वजदे ढोल नगाड़े, जै जै, मंसा देवी मैया, लगदे ने जैकारे... आ नचियां... ॥
मेरे मन के अंध तमस में, ज्योतिर्मय उतारो। जय जय माँ...
जीण भवानी की दुनिया दीवानी है, कलयुग में माँ की एक अजब कहानी है, ऊँचे पर्वत बैठी जग महारानी है..
एक भोली भाली कन्या, पर्वत से भक्तो आई, सिर पे उसके लाल चुनरिया, नैंनन जोत समाई, हाथो में है लाल चूड़ा, पाओं मे पायल भाई, सिर पे उसके लाल चुनरिया, नैंनन जोत समाई ॥
अम्मीये तेरे द्वारे विच्चों, जोतां दे लिशकारे विच्चों, मेहराँ भरे भंडारे विच्चों, मैं वी खुशियां पावां, दातिये कर छावां, तेरे प्यार दी ठंडड़ी छां, दातिये कर छावां ॥