जाऊँ तोरे चरण कमल पर वारी
हेगोपाल गोिवंद मुरारी
शरणागत हूँ द्वार तिहारे
इतना घना बना अँधियारा
घलु ता मैं सारा का सारा
तूही मेरा एक आधार
शरणागत हूँ द्वार तिहारे
जाऊँ तोरे चरण कमल पर वारी
हेगोपाल गोिवंद मुरारी
शरणागत हूँ द्वार तिहारे
सननन पवन झकोरा आता
हारा मन तपता घबराता
टूट रहा सांसो का तार
शरणागत हूँ द्वार तिहारे
जाऊँ तोरे चरण कमल पर वारी
हेगोपाल गोिवंद मुरारी
शरणागत हूँ द्वार तिहारे
मोर पंख की किरण जगाकर
अधरों पर मुस्कान उगाकर
हर लेमन कì पीड़ अपार
शरणागत हूँ द्वार तिहारे
जाऊँ तोरे चरण कमल पर वारी
हेगोपाल गोिवंद मुरारी
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