मेरी झोपड़ी के भाग, आज खुल जाएंगे, राम आएँगे, राम आएँगे आएँगे..
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
बैठी पहाड़ों में माँ शारदा, तेरी महिमा का क्या कहना, है भुवन हजारों में
मैया तुमसे मेरी, छोटी सी है अर्जी, मानो या ना मनो, आगे तेरी मर्जी, मावड़ी रखले तू, चरणों के पास ॥
मेरी नैया पार लगेगी, माँ खड़ी है तू उस पार, ना कोई माझी साथ में, ना हाथों पतवार ॥
आउंगी आउंगी मै अगले, बरस फिर आउंगी, लाऊंगी लाऊंगी तेरी, लाल चुनरियाँ लाऊंगी ॥
नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया, दुर्गुणों का नाश करते करते ॥