गौरी के पुत्र गणेश जी,
मेरे घर में पधारो ॥
दोहा – सदा भवानी दाहिनी,
सन्मुख रहे गणेश,
पाँच देव रक्षा करें,
ब्रह्मा विष्णु महेश ॥
गौरी के पुत्र गणेश जी,
मेरे घर में पधारो,
घर में पधारो,
कीर्तन में पधारो,
काटो सकल कलेश जी,
मेरे घर में पधारो ॥
एकदन्त दयावन्त चारभुजा धारी,
माथे सिंदूर सोहे मूस की सवारी,
हे सर्व सिद्धि सर्वेश जी,
मेरे घर में पधारो,
गोरी के पुत्र गणेश जी,
मेरे घर में पधारो ॥
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता,
विद्या वारिधि बुद्धि विधाता,
हे गणपति पुत्र उमेश जी,
मेरे घर में पधारो,
गोरी के पुत्र गणेश जी,
मेरे घर में पधारो ॥
शंकर सुवन भवानी के नंदन,
चरण कमल पे शत शत वंदन,
मेरे हृदय करो प्रवेश जी,
मेरे घर में पधारो,
गोरी के पुत्र गणेश जी,
मेरे घर में पधारो ॥
गौरी के पुत्र गणेंश जी,
मेरे घर में पधारो,
घर में पधारो,
कीर्तन में पधारो,
काटो सकल कलेश जी,
मेरे घर में पधारो ॥
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया
शेयर,
लाइक या
कॉमेंट जरूर करें!
भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।