नाची मन में उमंग, भरा खुशियों ने रंग, नाची मन में उमंग, भरा खुशियों ने रंग, गूंजी गणपति तेरी जयकार, आया गणपति तेरा त्यौहार, हुई गलियों में जय जयकार, आया गणपति तेरा त्यौहार ॥
रिद्धि सिद्धि के संग में, हे गौरी लाल पधारो, सब बाधा विघन मिटा कर, सब बाधा विघन मिटा कर, मेरे कारज सभी संवारो, रिद्धि सिद्धी के संग में, हे गौरी लाल पधारो ॥
इनकी शरण में आओगे, सुख सम्रद्धि पाओगे, भव सागर से तरना है, इनका दर्शन करना है, ज़िन्दगी में तेरे, खुशियाँ भर जाए रे,
गणपति के चरणो में, ध्यान लगा ले रे ॥
आना गणपति देवा, हमारे घर कीर्तन में, मंगल कारज हो जब, हमारे घर आँगन में, दर्शन दिखाना तुम, हमको ऐ देवा, आना होके सवार, मूषक वाले वाहन में, आना गणपतिं देवा, हमारे घर कीर्तन में ॥
गणपति जी गणेश नू मनाइये, सारे काम रास होणगे, हर काम नाल पहला ही धियाइये, सारे काम रास होणगे, गणपति जी गणेश नू ध्याइये, सारे काम रास होणगे, सारे काम रास होणगे ॥
ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां, ठुमक चलत रामचंद्र..
जब तें रामु ब्याहि घर आए । नित नव मंगल मोद बधाए ॥ घर से दरिद्रता दूर भगाने और सुख, समृद्धि, शांति लाने के लिए अयोध्या काण्ड के मंगलाचरण की यह चौपाईयाँ प्रतिदिन सुने..