गणपति गजवदन विनायक,
थाने प्रथम मनावा जी,
आना कानी मत ना करीयो,
थारी किरपा चावा जी,
गणपति गजवदन वीनायक,
थाने प्रथम मनावा जी ॥
माथे मुकुट निरालो थाने,
पार्वती का लाल कहावो,
गणपति दुंद दुन्दाला है,
रिद्धि सिद्धि थारे संग में सोहे,
मूसे की असवारी है ॥
गणपति गजवदन वीनायक,
थाने प्रथम मनावा जी,
आना कानी मत ना करीयो,
थारी किरपा चावा जी,
गणपति गजवदन विनायक,
थाने प्रथम मनावा जी ॥
रतन भवर गढ़ आप विराजो,
दुखियो का दुःख दूर करो,
जो भी थारे मन में ध्यावे,
उसकी इक्छा पूर्ण करो,
म्हारी लाज भी राखो गणपति,
थाने मनसु ध्यावा जी ॥
गणपति गजवदन वीनायक,
थाने प्रथम मनावा जी,
आना कानी मत ना करीयो,
थारी किरपा चावा जी,
गणपति गजवदन विनायक,
थाने प्रथम मनावा जी ॥
शुभ और लाभ के देने वाले,
सबकी नैया खेते हो,
मित्रमंडल थारी शरण में आयो,
क्यों ना दर्शन देते हो,
थाने खुश करने की खातिर,
‘राजू’ भजन सुणावे जी ॥
गणपति गजवदन वीनायक,
थाने प्रथम मनावा जी,
आना कानी मत ना करीयो,
थारी किरपा चावा जी,
गणपति गजवदन विनायक,
थाने प्रथम मनावा जी ॥
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