तुम शरणाई आया ठाकुर ॥ उतरि गइओ मेरे मन का संसा, जब ते दरसनु पाइआ ॥
स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम, तेरा नाम तेरा नाम तेरा नाम तेरा नाम..
मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कोळ, रखी चरना दे कोल रखी चरना दे कोल, मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कौल
सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे, के सोहने सोहने लेख लिख दे, मैं वारि मैं वारि वारि जावा,
गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद, गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत, गुरु मेरा देव अलख अभेव...
राजन के राजा महाराजन के महाराजा. ऐसा राज्य छोड़ दो और दूजा कौन धियाएई, छत्रधारी छत्रपति छैल रूप छितनाथ, छौनी कर छाया बर छत्रीपत गाईइ
मेरे सतगुरु दीन दयाल, मैं तेरा नाम जपा करूं, गुरु रविदास महाराज, मैं तेरा नाम जपा करूं..