गजानन चरण कमल रज दीजे,
गजानन चरण कमल रज दीजें ॥
तुम्हरी कृपा मिलत अविनाशी,
भव बंधन कट जासी,
जग में नहीं है सहारा जिनको,
उनको सहारा दीजे,
गजानन चरण कमल रज दीजें ॥
यह संसार माया की मूरत,
पग पग तम उदघाटी,
कोय नहीं है जग में तुम सम,
पार उतारन हारी,
कृपा करो हे गजानन मुझ पर,
विद्यारस भर दीजे,
गजानन चरण कमल रज दीजें ॥
गजानन चरण कमल रज दीजे,
गजानन चरण कमल रज दीजें ॥
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