दृष्टि हम पे दया की माँ डालो,
बडी संकट की आई घड़ी है ।
द्वार पर तेरे हम भी खड़े है,
आँखो में आँसुओ कि झड़ी है ॥
निर्बल का सहारा यही है,
रास्ता दुसरा ना कही है ।
तेरा दर्श अगर तू दिखा दे,
टूट जाये गमो की लड़ी है ॥
सारे भक्तो को तुमने है तारा,
वासता तुमसे भी है हमारा ।
तार दे माँ तेरे बालकों को,
हम पर विपदा ही ऐसी पड़ी है ॥
फरियादों की झोली अड़ी है,
फते करने को माँ तू खड़ीं है ।
ये शिवाजी को आशिष दे कर,
धन्य करदे तू सबसे बड़ी है ॥
दृष्टि हम पे दया की माँ डालो,
बडी संकट की आई घड़ी है ।
द्वार पर तेरे हम भी खड़े है,
आँखो में आँसुओ कि झड़ी है ॥
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