हम राम जी के, राम जी हमारे हैं। मेरे नयनो के तारे है। सारे जग के रखवाले है...
कल कल कल जहाँ निर्मल बहती, माँ गंगा की धार, है पावन शिव का धाम हरिद्वार, हैं पावन शिव का धाम हरिद्वार ॥
तेरी पूजा मे मन लीन रहे, मेरा मस्तक हो और द्वार तेरा, मीट जाये जन्मों की तृष्णा, श्री राम मिले जो प्यार तेरा ॥
कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ, आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू
मुझे कौन जानता था, तेरी बंदगी से पहले, मैं भुजा हुआ दिया था..
हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है, माटी से अनुपम प्यार है, माटी से अनुपम प्यार है ॥ इस धरती पर जन्म लिया था दसरथ नंन्दन राम ने..
देख के सागर की लहरों को,वानर सब घबराये । कैसे होगा पार ये सागर, मन ही मन सकुचाये ॥